नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से नयी फसलों की अधिक आपूर्ति से टमाटर की खुदरा कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है। देश के कई हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 200-250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं क्योंकि मानसून की बारिश और अन्य मुद्दों के कारण आपूर्ति शृंखला बाधित हो गई है।
उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ”महाराष्ट्र के नासिक, नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट और मध्य प्रदेश से भी नई फसल की आवक बढ़ने से टमाटर की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।” उन्होंने कहा कि टमाटर की कीमतों में मौजूदा वृद्धि किसानों को अधिक टमाटर की फसल उगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे आने वाले महीनों में कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है।
चौबे ने कीमतों में हालिया वृद्धि के लिए फसल मौसम, कोलार (कर्नाटक) में सफेद मक्खी की बीमारी, देश के उत्तरी हिस्से में मानसून की बारिश के तत्काल आगमन जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया, जिसने हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में टमाटर की फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला और भारी बारिश के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में रसद बाधित हुई। मंत्री ने बताया कि 10-16 जुलाई के सप्ताह के दौरान दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में टमाटर का औसत दैनिक खुदरा मूल्य 150 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गया था।
18 जुलाई को दिल्ली में टमाटर का औसत खुदरा मूल्य घटकर 130 रुपये प्रति किलोग्राम और पंजाब में 127.70 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया। टमाटर की कीमतों पर अंकुश लगाने और उन्हें किफायती बनाने के लिए सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत उनकी खरीद शुरू कर दी है और उन्हें उपभोक्ताओं को अत्यधिक रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
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