मुंबई। एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) के मुंबई में कथित अवैध निर्माण मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है। सोनू सूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, बॉल अब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के पाले में है। बीएमसी ही अब इस मामले में फैसला लेगी।
सोनू सूद ने बीएमसी के आदेश के इतर कोर्ट से कम से कम 10 हफ्ते का समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा- आप बहुत लेट हो गए हैं। आपके पास इन सबके लिए पर्याप्त समय था। कानून भी उनकी मदद करता है जो मेहनती होते हैं।
13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान बीएमसी ने सूद को ‘आदतन अपराधी’ बताया था। नगरपालिका ने अदालत में कहा था कि सोनू सूद अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने उपनगर जुहू स्थित रिहायशी इमारत में कथित तौर पर बिना इजाजत ढांचागत बदलाव किया। इसके बाद बीएमसी ने उन्हें नोटिस जारी किया है। बीएमसी के नोटिस के खिलाफ सोनू ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
सोनू सूद ने वकील डीपी सिंह के जरिए पिछले हफ्ते दायर अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने छह मंजिला शक्ति सागर इमारत में कोई अवैध निर्माण नहीं कराया है। सोनू सूद ने बीएमसी के नोटिस पर कहा था, ‘मैं बीएमसी का पूरी तरह से आदर करता हूं जिन्होंने हमारी मुंबई को इतना कमाल का बनाया है। अपनी तरफ से मैंने सभी नियमों का पालन किया है और कोई सुधार की गुंजाइश होगी तो मैं उसे जरूर सुधारने की कोशिश करूंगा।’
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