मुंबई। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनावों के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। इसके मद्देनजर पार्टी ने अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए एक खास रणनीति (specific strategy) तैयार की है। पार्टी ने आलाकमान को सुझाव दिया है कि महापौर पद (mayor post) के लिए उम्मीदवारों का एलान चुनाव से पहले ही कर दिया जाए।
सिर्फ इतना ही नहीं, यह भी सुझाव दिया गया है कि महापौर के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे और अभिनेता रितेश देशमुख (Riteish Deshmukh), मॉडल मिलिंद सोमन (Milind Soman) और कोरोना काल में लोगों की मदद को लेकर सबका दिल जीतने वाले अभिनेता सोनू सूद (Actor Sonu Sood)जैसे प्रतिष्ठित नामों पर विचार किया जाए।
हालांकि, रणनीतिक दस्तावेज में नामित तीनों में से कोई भी कांग्रेस का सदस्य नहीं है। 25 पन्नों के इस दस्तावेज का मसौदा शहर कांग्रेस के सचिव गणेश यादव ने तैयार किया था और इसे अभी आधिकारिक तौर पर पार्टी नेताओं के सामने पेश किया जाना बाकी है। यह दस्तावेज अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी (एआईसीसी) सचिव एचके पाटिल के सामने पेश किए जाने की उम्मीद है।
एचके यादव ने बताया कि मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मसौदे पर चर्चा करेंगे। इसमें सुझाव दिया गया है कि पार्टी को चुनाव से पहले मेयर के उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए और पद के लिए ऐसे नामों को चुनना चाहिए, जिन पर कोई राजनीतिक दबाव न हो। इसमें कहा गया है कि उम्मीदवार भी ऐसा होना चाहिए, जिनकी युवा पीढ़ी पर अच्छी पकड़ हो।
मसौदे में पार्टी से युवा पेशेवरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्टार्ट-अप मालिकों को छवि-निर्माण अभ्यास के रूप में टिकटों की छोटी संख्या देने का भी आह्वान किया गया है। दस्तावेज में कहा गया है कि पार्टी को अपने रुख पर स्पष्ट होना चाहिए कि क्या वह आगामी चुनावों में शिवसेना के साथ गठबंधन करेगी या नहीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में हमारा रुख स्पष्ट नहीं है और हम शिवसेना की वर्तमान बीएमसी सरकार का विरोध करते नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि हम राज्य स्तर पर उनके साथ गठबंधन की सरकार चला रहे हैं। ऐसे मुद्दों पर हमारी स्थिति ठोस होनी चाहिए, ताकि हम इसे लोगों तक प्रभावी ढंग से पहुंचा सकें। मौजूदा समय में इस भ्रम की वजह से बीएमसी सदन में कांग्रेस नहीं है।
इसमें कहा गया है कि अगर कांग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो उसे तुरंत उन 147 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने की जरूरत है, जहां कांग्रेस के पार्षद नहीं हैं। खासकर ऐसे क्षेत्र जहां वरिष्ठ नेताओं का असर ज्यादा नहीं है। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस को वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) और एआईएमआईएम के खिलाफ अभियान शुरू करना चाहिए और उन्हें भाजपा की कोर टीम के रूप में पेश करना चाहिए।
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