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    यूपी से कई नेताओं के बेटे-बेटी, भतीजे, पोते चुनाव जीतकर संसद पहुंचे, लंबी लिस्ट, जानें कौन-कौन हारा?

  • June 09, 2024

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में यूपी से इस बार कई नेताओं(Many leaders) के बेटे-बेटी, भतीजे, पोते जीतकर संसद(winning parliament) में पहुंचे हैं। कुछ नेताओं के बच्चों को हार(kids necklace) भी मिली है। जीतकर संसद पहुंचे नेताओं की अगली पीढ़ी को देखकर इस बात का सुखद एहसास हो रहा है कि ज्यादातर उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। इन युवाओं में सभी जातियों का प्रतिनिधित्व देखकर अच्छा भी लग रहा है। एनडीए और इंडिया दोनों तरफ से नेताओं के बच्चों को सफलता मिली है। कुछ नाम तो ऐसे हैं जो पहले से बहुत चर्चा में रहे। कुछ नामों ने लोगों को चौंकाया है। नेताओं के परिवार से होने के कारण इन युवा चेहरों की जीत को परिवारवाद कहना नाइंसाफी जरूर होगी। कांटे की लड़ाई में बिना किसी लहर इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले सत्ता और विपक्ष दोनों तरफ से संसद में पहुंचे इन युवाओं ने अपनी उपस्थिति दमदारी से रखी है।

    यूपी से नेताओं के परिवार से आने वाले नए सांसदों में पहले दो नाम तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव का ही आते हैं। राहुल गांधी ने रायबरेली सीट जीतने के साथ ही एक और उपलब्धि हासिल करने वाले हैं। कांग्रेस ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष के लिए चुन लिया है। ऐसे में इस बार यूपी से ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी होंगे। इसके अलावा यादव परिवार से चुने गए पांच में से चार सांसद अखिलेश यादव, धर्मेद्र यादव, आदित्य यादव और अक्षय यादव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने कन्नौज, मुलायम के भतीजे धर्मेंद्र यादव आजमगढ़, शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव बदायूं और रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव ने फिरोजाबाद से जीत हासिल की है। इसी परिवार की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी सांसद बनी हैं।


    इसके अलावा संभल से जीते जियार्रहमान बर्क के पिता सफीकुर्रहमान कई बार सांसद रहे हैं। इस बार भी सपा ने उन्हीं को टिकट दिया था। चुनाव से ठीक पहले उनका निधन होने से जियाउर्रहमान को टिकट मिला और सांसद बन गए। बर्क की तरह कैराना से सांसद बनीं इकरा हसन भी राजनीतिक परिवार की वारिस हैं। उनकी मां तब्बसुसम बेगम, पिता मुनव्वर हसन, दादा अख्तर हसन सभी सांसद रहे हैं। भाई नाहिद हसन भी विधायक हैं।

    जौनपुर की मछलीशहर से सपा की सांसद बनीं प्रिया सरोज के पिता तूफानी सरोज इसी सीट से सांसद रह चुके हैं। बिजनौर से रालोद के सांसद बने चंदन चौहान के पिता संजय चौहान भी सांसद रहे हैं। सहारनपुर से कांग्रेस के सांसद बने इमरान मसूद के चाचा काजी रसूद मसूद नौ बार सांसद रह चुके हैं।

    इलाहाबाद से इस बार दोनों तरफ से लड़ाई नेता पुत्रों के बीच ही थी। यहां से कांग्रेस ने पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह को उतारा और भाजपा से पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को टिकट मिला। कांटे की लड़ाई में बाजी उज्जवल रमण सिंह ने मार ली। यहीं की पड़ोसी सीट कौशांबी से सपा के सांसद बने पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज की गिनती कद्दावर नेताओं में होती है।

    बाराबंकी से जीते कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया पूर्व सांसद पीएल पुनिया के बेटे हैं। कैसरगंज की सीट पर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह भाजपा के टिकट पर जीते हैं। गोंडा में पूर्व सांसद आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह भी भाजपा से जीते हैं। इसी तरह देवरिया में पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे भाजपा प्रत्याशी शशांक मणि त्रिपाठी भी सांसद बन गए हैं। बांसगांव से पूर्व सांसद ओमप्रकाश पासवान के बेटे कमलेश पासवान भाजपा के टिकट पर जीते हैं। खीरी में नवनिर्वाचित सपा सांसद उत्कर्ष वर्मा के बाबा कौशल किशोर विधायक रह चुके हैं।

    इन बेटे-बेटियों को मिली हार

    कई नेताओं के बेटे-बेटी को इस बार हार का भी सामना करना पड़ा है। इनमें ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद भी शामिल हैं। सुभासपा प्रत्याशी अरविंद राजभर घोसी और भाजपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद संत कबीर नगर से हार गए हैं। इसी तरह बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर हार गए हैं। पूर्व सांसद पकौड़ी लाल कोल की बेटी अपना दल प्रत्याशी रिंकी कोल भी राबर्ट्सगंज से अपना चुनाव हार गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र टीएमसी प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी भदोही से हार गए हैं।

    इसी तरह एटा में कल्याण सिंह के बेटे भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह सिंह चुनाव हार गए हैं। इलाहाबाद में केशरीनाथ त्रिपाठी के बेटे भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी हार गए हैं। गोंडा में बेनी प्रसाद वर्मा की पोती सपा प्रत्याशी श्रेया को हार का सामना करना पड़ा है। श्रावस्ती में नृपेंद्र मिश्रा के बेटे भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा हार गए हैं। अंबेडकर नगर में विधायक राकेश पांडेय के बेटे भाजपा प्रत्याशी रितेश पांडेय हार गए हैं। फैजाबाद में पूर्व सांसद मित्रसेन के बेटे बसपा प्रत्याशी आनंद सेन नहीं जीत सके। इसी तरह पूर्व सांसद हरिकेवल प्रसाद के बेटे भाजपा प्रत्याशी रविंद्र कुशवाहा सलेमपुर से हार गए हैं।

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