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    तीन गुना पैसा वसूल रहे सोनोग्राफी सेंटर

  • July 29, 2022

    • कोरोना काल में पहले सीटी स्केन सेंटरों ने मरीजों को लूटा था
    • तीन साल पहले भोपाल से आए थे जाँच के आदेश, कुछ नहीं हुआ

    उज्जैन। शहर में संचालित लगभग 25 से अधिक एक्स-रे एवं सोनोग्राफी सेंटरों पर एक ही तरह की जाँच के अलग-अलग रेट चल रहे हैं। वास्तविक दर से मरीजों से तीन गुना तक अधिक पैसा सोनोग्राफी सेंटर वाले वसूल रहे हैं। तीन साल पहले उज्जैन शहर में संचालित ऐसे सोनोग्राफी सेंटरों की शिकायत भोपाल स्थित स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय तक पहुंची थी। वहां से जाँच के आदेश भी आए थे लेकिन फाईल सीएमओ कार्यालय में दबकर रह गई।
    उल्लेखनीय है कि साल 2020 के मार्च महीने से कोरोना महामारी का आगाज हो गया था। कोरोना की पहली लहर से लेकर दूसरी एवं तीसरी लहर तक अधिकांश मरीजों में सांस लेने में परेशानी की शिकायत सामने आई थी। कोरोना जाँच में पॉजीटिव आने के बाद भी इसके लिए सीटी स्केन कराई जा रही थी। उस दौरान 2 से 3 हजार रुपये तक आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज और चैरिटेबल हॉस्पिटल में निर्धारित दर से सीटी स्केन की जा रही थी। तब जिला अस्पताल के माधवनगर हॉस्पिटल में लगी सीटी स्केन मशीन सालों से बंद पड़ी थी। ऐसे में परेशान कोरोना मरीज निजी सीटी स्केन सेंटरों पर जाने के लिए मजबूर हो गए थे। उस दौरान निजी सीटी स्केन सेंटरों पर मरीजों से सीटी स्केन के ऐवज में 10 से 15 हजार रुपये तक वसूल रहे थे।

    एक्स-रे, सोनोग्राफी के नाम पर भी खूब वसूली हुई थी
    सीटी स्केन के अलावा कोरोना की तीसरी लहर तक पॉजीटिव आए कोरोना मरीजों में गंभीर लक्षणों की जाँच के लिए डॉक्टर एक्स-रे और सोनोग्राफी के लिए भी मरीजों को लिख रहे थे। उस दौरान भी आम तौर पर 450 रुपये तक होने वाला चेस्ट का एक्स-रे 1 हजार से 1200 रुपये तक में किया जा रहा था। सोनोग्राफी भी अलग-अलग सेंटरों पर मरीजों की भीड़ देखकर अलग-अलग रेट पर की जा रही थी। हालांकि इसके बाद जब कोरोना के मरीज घटे और हालात सामान्य हुए तथा वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ा तो कोरोना ग्रसित होने के बाद भी लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की बजाए होम आईसोलेशन में ही उपचार होने लगा। तब जाकर ऐसे सोनोग्राफी एवं सीटी स्केन सेंटर पर मरीज कम हुए।


    जाँच नहीं, इसलिए मनमानी
    करीब तीन साल पहले जब जिला अस्पताल में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल का कार्यकाल चल रहा था, उस दौरान भोपाल स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय से सीएमएचओ कार्यालय को आदेश जारी हुए थे कि उज्जैन शहर में संचालित सभी निजी एक्स-रे एवं सोनोग्राफी सेंटरों की मौके पर जाकर जाँच की जाए। उनके रजिस्ट्रेशन आदि वैध हैं या नहीं इसकी सूची बनाई जाए। इसके अलावा सभी सेंंटरों पर एक्स-रे और सोनोग्राफी जाँच की दरें निर्धारित की जाए और सभी सेंटरों पर रेट लिस्ट चस्पा की जाए। भोपाल से यह जानकारी दो महीने में अपडेट कर पहुंचाने के निर्देश भी जारी हुए थे। लेकिन इसके बाद कोरोना महामारी शुरू हो गई और यह फाईल सीएमएचओ कार्यालय में दबकर रह गई। यहीं कारण है कि आज 350 से 500 रुपये तक की सोनोग्राफी के रेट निजी सेंटर वालों द्वारा 1500 से 2000 रुपये तक वसूल रहे हैं। एक्स-रे की दर भी अब बढ़ाकर 1000 से 1200 रुपये तक कर दी गई है। नए अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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