इंदौर (Indore)। कल भाजपा कार्यालय पर हुई कोर कमेटी की बैठक के पहले जिले के अध्यक्ष राजेश सोनकर ने प्रभारी मंत्री के सामने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि हर बार आप शहर की बैठक में आते हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की बैठक नहीं लेते। बाद में मंत्री ने दोनों ही कोर कमेटी की बैठक एक साथ ली, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के पदाधिकारी केवल मंत्री और दूसरे पदाधिकारियों की सुनते रहे।
इंदौर में दो कोर कमेटी हैं- एक ग्रामीण क्षेत्र की और दूसरी शहरी क्षेत्र की। शहरी क्षेत्र की कोर कमेटी की बैठक तो आए दिन होती रहती है और उसमें प्रभारी मंत्री भी मौजूद रहते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की बैठक कई दिनों में होती है। कल जब भाजपा कार्यालय दीनदयाल भवन पर बैठक शुरू हुई तो जिले के अध्यक्ष राजेश सोनकर ने गृह एवं जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप जब भी आते हो शहर की बैठक ले लेते हो, ग्रामीण की बैठक ही नहीं हो पाती। इससे ग्रामीण की कोर कमेटी का कोई औचित्य ही नहीं बचा है।
कई मुद्दे ऐसे रहते हैं, जो ग्रामीण क्षेत्र के रहते हैं। इस पर प्रभारी मंत्री मुस्करा दिए और कहा कि इसलिए आज दोनों की बैठक एक साथ बुलाई है। बाद में बैठक के दौरान प्रभारी मंत्री मात्र 20 मिनट ही मौजूद रहे, जिसमें अधिकांश समय नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने ही बिंदुवार कई मांगें रखीं और सुझाव दिए। मंत्री तुलसी सिलावट भी बैठक में मौजूद थे, लेकिन उषा ठाकुर नदारद रहीं। हालांकि 20 मिनट की बैठक के दौरान ग्रामीण क्षेत्र की ओर से कोई महत्वपूर्ण प्रस्ताव या मांग किसी भी पदाधिकारी ने नहीं रखी। केवल तबादलों को लेकर ही कहा कि कई अधिकारी-कर्मचारी तीन सालों से ज्यादा समय से टिके हुए हैं, उन्हें हटाना चाहिए।
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