नई दिल्ली । कांग्रेस (Congress) के लिए बुधवार का दिन बेहद खास रहा। एक ओर जहां 2 दशकों से ज्यादा समय बाद पार्टी को गैर-गांधी अध्यक्ष (President) मिला। वहीं, रायबरेली सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का एक खास फैसला भी पार्टी में नई शुरुआत करता नजर आ रहा है। खबर है कि अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने सोनिया से मुलाकात के लिए समय मांगा था, जो उन्हें नहीं मिला।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अध्यक्ष पद के नतीजे घोषित होते ही खड़गे 10 जनपथ यानी सोनिया से मिलना चाहते थे। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें अपॉइंटमेंट नहीं मिला। जानकारी के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि 30 मिनट तक नेताओं की भीड़ में रहने के बाद सोनिया ने फैसला किया कि मौके को देखते हुए उन्हें मुलाकात के लिए जाना चाहिए।
ऐसा हुआ भी और खड़गे और सोनिया की मुलाकात 10 जनपथ से 10 राजाजी मार्ग पर आ गई। अंतरिम अध्यक्ष बुके लेकर वरिष्ठ नेता के आवास पर पहुंची थीं। खास बात है कि यह बहुत कम ही देखने को मिला है, जब पार्टी नेतृत्व किसी नेता के आवास पर मिलने पहुंचा है। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मामला अलग रहा।
साल 2015 में कोयला घोटाले में सिंह को तलब किया गया था। उस दौरान सोनिया ने पार्टी कार्यालय से लेकर पूर्व पीएम के आवास तक मार्च किया था।
कहा जा रहा है कि गांधी परिवार को उम्मीद है कि इसके जरिए यह दिखाया जा सकेगा कि अब खड़गे नए प्रमुख हैं। इससे पहले राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि वह ‘खड़गे जी’ को रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष पार्टी में उनकी भूमिका तय करेगा।
थरूर भी मिले
कांग्रेस के शीर्ष पद के चुनाव में खड़गे के खिलाफ खड़े तिरुवनंतपुरम सांसद शशि थरूर भी मिलने पहुंचे थे। उन्होंने कहा था कि चुनाव के नतीजे कुछ भी हों, लेकिन अंत में इससे पार्टी मजबूत हुई है।
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