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मुझे बनाने वाली सोनिया गांधी हैं- मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में धनखड़ से ऐसा क्यों कहा

नई दिल्ली: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आज मंगलवार को सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और चेयरमैन जगदीप धनखड़ के बीच जमकर बहस हो गई. चर्चा के दौरान सभापति की एक बात पर खरगे ने नाराजगी दिखाते हुए कहा कि आप मुझे मंदबुद्धि बता रहे हैं. इस पर जवाब देते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कह दिया कि आपके दिल में चेयर के प्रति इतनी नफरत भरी है कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया होगा.

दरअसल, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी अपना भाषण दे रहे थे. अपने संबोधन के दैरान वह मोदी सरकार को उसके कई वादे याद दिला रहे थे. उन्होंने काले धन वापस लाने, 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने जैसे पीएम मोदी के कई वादों की चर्चा भी की. इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी की पिछले कार्यकाल के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत काफी घट गई थी. बावजूद इसके इस सरकार ने तेल के दाम नहीं घटाए.

सांसद प्रमोद ने आगे कहा, “हो सकता है कि पीएम मोदी ने अपने कुछ दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया हो.” इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति जताई और कहा कि आपके पास सबूत हो तो ही अपनी बातें कहिए. इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी खड़े हो गए. वह सभापति की बातों को काटने लगे.


इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि जयराम आप बहुत प्रतिभाशाली हैं. आप बहुत हिम्मती हैं. आपको तुरंत खरगे की जगह विपक्ष के नेता का पद लेना चाहिए. क्योंकि आप कुल मिलाकर खरगे का ही काम कर रहे हैं. इस पर खरगे भी खड़े हो गए. खरगे ने सभापति की बातों पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, “आपके दिमाग में आज भी वर्ण व्यवस्था भरा हुआ है. आप इसी कारण रमेश को प्रतिभाशाली बता रहे हैं और मुझे मंदबुद्धि बता रहे हैं. आप यह कह रह हैं कि मेरी जगह उनको बैठना चाहिए.” कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खरगे दलित समुदाय से आते हैं.

खरगे की आपत्ति पर सभापति धनखड़ ने सफाई देते हुए कहा, “आप मेरी बात को नहीं समझ पाए. जितना मैं आपका आदर करता हूं उसका एक अंश भी आप मेरे लिए करेंगे तो आपको महसूस होगा कि मैंने कहा क्या है.” फिर सभापति ने आगे कहा कि पहली पंक्ति में बैठे खरगे के पास 56 साल का विशाल अनुभव है. उनको भी जयराम रमेश की टिका टिप्पणी कर मदद करनी चाहिए.

इस पर खरगे ने सोनिया गांधी की ओर मुखातिब होते हुए कहा, “मुझे बनाने वाले यहां बैठी हैं. न रमेश मुझे बना सकते हैं और न ही आप मुझे बना सकते हैं… जनता ने मुझे बनाया है.” फिर चेयरमैन ने खरगे से कहा, “मैं उस स्तर पर नहीं आना चाहता. आप हर बार कुर्सी को नीचा नहीं दिखा सकते. आप हर बार कुर्सी का अनादर नहीं कर सकते.”

उन्होंने आगे कहा, “आप अचानक खड़े हो जाते हैं और बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं, कुछ भी कह देते हैं. इस देश के संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में चेयर के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की अब आपको आत्मचिंतन करने का समय आ गया है.”

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