नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस (National Herald case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया (Sonia Gandhi) गांधी से 3 दिनों तक पूछताछ की। जानकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान सोनिया ने ठीक उसी तरह के जवाब दिए, जैसे राहुल गांधी ने दिए थे। जांच एजेंसी ने उनसे एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (Associated Journal Ltd.) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young Indian Private Limited) से जुड़े वित्तीय लेनदेन के बारे में पूछा। इसके जवाब में सोनिया ने राहुल की तरह ही ईडी के अधिकारियों को बताया कि वित्त संबंधी सभी मामले मोतीलाल वोरा संभाला करते थे। बता दें कि मोतीलाल वोरा का साल 2020 में निधन हो चुका है. वह कांग्रेस के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले कोषाध्यक्ष रहे हैं।
ईडी के अधिकारियों ने जब राहुल गांधी से वित्तीय पहलुओं के बारे में सवाल किया था, तब उन्होंने भी अधिकारियों से कहा था कि सभी लेनदेन मोती लाल वोरा ने ही किए थे. राहुल और सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन कुमार बंसल ने भी ईडी को यही जवाब दिया था।
जांच एजेंसी ने राहुल गांधी से जून में पूछताछ की थी। राहुल गांधी ने ईडी को बताया था कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसे कंपनी अधिनियम के विशेष प्रावधान के तहत शुरू किया गया था. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता ने कहा था कि इसमें से एक पैसा भी नहीं निकाला गया.
सोनिया गांधी से ईडी ने दो दिन के अंदर करीब 8 घंटे पूछताछ की थी. जांच एजेंसी ने राहुल से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के बारे में सवाल किया था. उनसे यह भी पूछा गया था कि क्या इस कंपनी के माध्यम से किसी को कोई मौद्रिक लाभ हुआ है? ईडी ने राहुल से 5 दिनों के अंदर करीब 50 घंटे तक पूछताछ की थी.
ईडी ने राहुल और सोनिया से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड में आर्थिक अनियमितताओं के आरोप पर सवाल किए हैं. इसका प्रचार-प्रसार कांग्रेस द्वारा किया गया था, नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक भी इस कंपनी के ही पास था. समाचार पत्र को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित किया जाता था।
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