नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी(Soniya Gandhi) ने 24 जून (गुरुवार) को पार्टी महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक बुलाई है, ताकि संगठन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जा सके और चुनावी राज्यों की तैयारियों का जायजा लिया जा सके।
पार्टी के वरिष्ठ नेता के. सी. वेणुगोपाल(KC Vennugopal) ने बैठक के एजेंडे पर कहा कि बैठक में कांग्रेस के जनसंपर्क कार्यक्रमों का जायजा लिया जाएगा और ईंधन वृद्धि और महंगाई पर उठाए जाने वाले कदमों के बारे में चर्चा की जाएगी। बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी के भीतर से सुधारों की मांग बढ़ रही है। खासकर राज्य चुनावों में हार के बाद ऐसे मांग काफी बढ़ गई है। सोनिया गांधी राज्य इकाइयों में मुद्दों को सुलझाना चाहती हैं, क्योंकि पंजाब और राजस्थान सहित अधिकांश राज्यों में अंदरूनी कलह की खबरें आती रही हैं।
कांग्रेस का उत्तर प्रदेश(Uttar pradesh), उत्तराखंड(Uttarakhand) और पंजाब(Punjab) में महत्वपूर्ण रूप से एक प्रकार का टेस्ट है, जहां अगले साल की शुरूआत में चुनाव होंगे।पार्टी न केवल उन राज्यों में समस्याओं का सामना कर रही है जहां वह सत्ता में है, जैसे कि राजस्थान और पंजाब, बल्कि उन राज्यों में भी उसे अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ रहा है, जहां वह विपक्ष में है, जिनमें कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, दिल्ली और अन्य राज्य शामिल हैं।पार्टी कई राज्य इकाइयों में बदलाव और एआईसीसी ढांचे में फेरबदल पर विचार कर रही है। पार्टी को नए अध्यक्षों का भी चुनाव करना है जिनके चुनाव महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे।
जितिन प्रसाद के बाहर निकलने के बाद, कपिल सिब्बल जी-23 के मुखर सदस्यों में से एक, जिन्होंने पिछले साल पार्टी में व्यापक सुधारों के लिए एक पत्र लिखा था।पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने पार्टी को क्षेत्रीय नेतृत्व का निर्माण करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि पार्टी को केवल प्रतिबद्ध लोगों को बढ़ावा देना चाहिए, जो कांग्रेस की विचारधारा के प्रति वफादार हैं।