थान्दला/झाबुआ। आदिवासी जनजातीय समुदाय (Tribal tribal community) के अनूठे भगोरिया उत्सव (Bhagoria Utsav) के बाद झाबुआ सहित आलीराजपुर जिले में सोमवार से उजाड़िया हाट की धमाकेदार शुरुआत हो गई। वहीं मंगलवार को थान्दला सहित कुछ अन्य स्थानों पर उजाड़िया हाट (Ujadiya Haat) की धूम मचेगी। वैसे सोमवार को जिले के पेटलावद सहित अन्य जगहों से उजाड़िया हाट की शुरुआत होनी थी, लेकिन सोमवार को धुलेंडी के कारण इसकी शुरूआत मंगलवार होगी।
इधर एक तरफ आदिवासी पुरूषों की टोली आदिवासी समुदाय की परंपरा के वाद्य ढोल, मादल और थाली बजाते रहै, तभी रायबुलिया उद्धाम नृत्य करने लगा। इन आदिवासियों के प्रत्येक समूह मे एक रायबुलिया भी होता है, जो कई तरह के हाव भाव से सबका मनोरंजन करता रहता है। रायबुलिया का यह नाम उस शख्स को दिया जाता है, जो पेड़ो के पत्तों और सूखे हुए बड़े फलों से अपना आकर्षक श्रंगार किये हुए होता है। इसका शरीर भी विचित्र रूप से मिट्टी आदि से चित्रित किया जाता है। समूह के अन्य लोगों द्वारा नृत्य और गायन के दौरान विचित्र तरह की ध्वनि भी की जाती रहती है, जिसे आदिवासी समुदाय की भाषा में कुर्राटी लगाना कहा जाता है।
होली के उल्लासमय वातावरण के बाद जब कुछ मायूसी का वातावरण बनने लगता है तभी इन आदिवासियों की इन गायन, वादन और नृत्य कर रही टोलियां एक अजीब सा खुशनुमा वातावरण निर्मित कर दिया करती है। आदिवासियों द्वारा किया जाने वाला यह सामूहिक गायन, वादन और नृत्य जीवन मे मायूसी भरे वातावरण में भी हास्य विनोद के क्षण खोजे जाने के प्रयास का संदेश देता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved