नई दिल्ली: सोनम वांगचुक ने गृह मंत्रालय के आश्वासन के बाद अपना आमरण अनशन खत्म कर दिया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने उसने मुलाकात की और उन्हें गृह मंत्रालय का एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया है कि मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति, जो लद्दाख के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रही है. उनसे अगली मुलाकात तीन दिसंबर को होगी. इसके बाद वांगचुक और उनके समर्थकों ने अपनी भूख हड़ताल को खत्म करने का फैसला किया और धरना भी खत्म कर दिया.
सोनम वांगचुक ने कहा कि हमारे अनशन के 16वें दिन मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अपील का समाधान हो गया है. अभी, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव, यहां लद्दाख भवन में आए और मुझे यह पत्र सौंपा, जिसमें बातचीत का जिक्र है. वांगचुक ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के साथ लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल में केडीए के बीच चल रही बातचीत जल्द ही दिसंबर तक फिर से शुरू हो जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि मंत्रालय और लद्दाख के दो क्षेत्रों के दो सामाजिक-राजनीतिक संगठनों, लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक गठबंधन के बीच बातचीत के नतीजे पॉजिटिव होंगे.
वांगचुक ने यह भी कहा कि मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि मुझे इस वजह को लेकर दोबारा अनशन न करना पड़े और इसके नतीजे बहुत अच्छे होंगे. मैं इस मौके पर उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने इस कोशिश में हमारा साथ दिया. लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष चेरिंग दोर्जे लाक्रुक ने वांगचुक और बाकी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए मार्च निकाला.
लद्दाख के सांसद मोहम्मद हनीफा ने भी उम्मीद जताई कि बातचीत का अच्छा नतीजा निकलेगा. उन्होंने कहा कि हमें विरोध करने के लिए वापस जाना पड़ा क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद भी बातचीत फिर से शुरू नहीं हुई थी. हमें खुशी है कि बातचीत फिर से शुरू हो रही है और उम्मीद है कि समाधान निकलने तक यह जारी रहेगी. वांगचुक ने अपने समर्थकों के साथ लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह से दिल्ली तक पैदल मार्च किया. वो एक महीने तक चलने के बाद 30 सितंबर को दिल्ली पहुंचे थे.
इसके बाद उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था लेकिन फिर 2 अक्टूबर को उनको रिहा कर दिया गया था. इसके बाद वह 6 अक्टूबर को भूख हड़ताल पर बैठे थे. वह लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की भी मांग कर रहे हैं.
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