ग्वालियर: ग्वालियर (Gwalior) में ससुर दामाद (father-in-law son-in-law) के विवाद का एक अनोखा मामला सामने आया है. इस मामले में दामाद की शिकायत पर ससुर पर कोर्ट द्वारा एक करोड़ रुपए का जुर्माना और 4 साल की सजा सुनाई गई है. उक्त मामला 2013 का बताया जा रहा है जिसमें 2016 में चालान पेश किया गया था. जानकारी के अनुसार दामाद गुजरात में निवास करता है और ससुर जो कि अब रिटायर हो चुके हैं एक लेब टेक्नीशियन के पद पर थे, लेकिन उनके पास अपनी आय से बहुत अधिक संपत्ति होने की शिकायत दामाद द्वारा की गई थी.
शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा (Government Advocate Dharmendra Sharma) ने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट (anti corruption court) ने रिटायर्ड लैब टेक्नीशियन रामकुमार शिवहरे (Ramkumar Shivhare) को अनुपात इन संपत्ति रखने के मामले में दोशी ठहराया है. विशेष न्यायालय (special court) ने लैब टेक्नीशियन रामकुमार शिवहरे को 4 साल की सजा से दंडित किया है इसके साथ ही एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है जिसकी शिकायत उनके दामाद अमूल ने की थी. जो कि गुजरात में रहते हैं.
उन्होंने बताया कि दामाद अमोल और बेटी के बीच कई साल से पारिवारिक विवाद चल रहा है. विवाद के चलते दामाद ने ससुर की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को 10 साल पहले की थी. जिसमें बताया था कि ससुर का वेतन तो बेहद कम है, लेकिन उन्होंने अपने एक बेटे को छत्तीसगढ़ में रायपुर से एमबीबीएस कराया है और उनका छोटा बेटा भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. इसके अलावा उसे पर जमीन मकान वाहन जैसे संपत्तियां भी हैं जिनकी कीमतें लाखों में है. जबकि घर में कमाने वाले केवल उनके ससुर ही है.
जानकारी के अनुसार अमोल शिवहरे ने 21 अक्टूबर 2013 को लोकायुक्त में लैब टेक्नीशियन रामकुमार शिवहरे की शिकायत की थी. इसके खिलाफ 9 सितंबर 2016 को चालान पेश किया गया था. जिसमें बताया गया कि आरोपी पर अपनी आय से अधिक संपत्ति है. हालांकि, कोर्ट ने दोषी लैब टेक्नीशियन पर 283 फ़ीसदी ही अनुपात हैं. दोषी रिटायर्ड लैब टेक्नीशियन जून 1981 में नौकरी पर आए थे. उसकी आय करीब 40 लख रुपए के आसपास थी जबकि उसने खर्च एक करोड़ 82 लख रुपए कर दिया था.
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