हैदराबाद: दो भाई-बहन, एक हिंदू धर्म को मानने वाला तो एक मुस्लिम को. दोनों की मां की मौत हुई, फिर दोनों इस बात पर विवाद कर बैठे कि मां का अंतिम संस्कार किस रिवाज से होना चाहिए. मामले ने इतना ज्यादा तूल पकड़ लिया कि पुलिस को बीच में कूदना पड़ा. फिर कहीं जाकर मामला शांत हुआ. ये मामला तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का है.
दोनों भाई बहनों के परिवार अलग-अलग धर्मों का पालन करते हैं. फिर मां के अंतिम संस्कार को लेकर हुए विवाद की वजह से हैदराबाद के मदन्नापेट में थोड़ा तनाव भी पैदा हो गया. पुलिस को जैसे ही इस मामले की जानकारी मिली तो वह फौरन घटनास्थाल पर पहुंची और मामले को किसी तरह शांत कराया.
यह पूरा मामला मदन्नापेट के दराब जंग कॉलोनी का है, जहां बीते दिनों 95 साल की एक महिला की मौत हो गई. इसके बाद उसके बेटे ने कहा कि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से करेगा क्योंकि वह हिंदू है. वहीं, मृतक महिला की बेटी जो करीब 20 साल पहले इस्लाम धर्म अपना ली थी, उन्होंने कहा कि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार इस्लाम धर्म के तहत करेगी.
इस्लाम धर्म अपना ली थी मां- बेटी का दावा
बेटी का दावा है कि वह पिछले 12 साल से मां का ख्याल रख रही थी. मीडिया से बातचीत में मृतक महिला की बेटी ने यह भी दावा किया उसकी मां इस्लाम धर्म अपना ली थी. उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में उन्होंने अपनी मां की सर्जरी करवाई थी, जिसमें पांच लाख रुपये खर्च हुए थे लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.
दरअसल वह अपने भाई पर निशाना साध रही थी. उन्होंने कहा कि पिछले 12 साल से उसकी (मां) देखभाल की है. उन्होंने कहा कि मेरी मां की अंतिम इच्छा थी कि उसकी रिती रिवाज से उसका अंतिम संस्कार हो. हमारी परंपरा के मुताबिक उन्हें दफनाया जाएगा.
बेटी के घर फाइनल प्रेयर, बेटे को दी गई बॉडी
डीसीपी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं हुआ. यह एक पारिवारिक विवाद था, जिसे पुलिस ने सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया. बेटी की पसंद के मुताबिक, उसके घर पर फाइनल प्रेयर की गई और बॉडी को बेटे के परिवार वालों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया गया. यहां कोई तनाव नहीं हुआ. परिवार के भीतर यह सब होता है. भाई और बहन ने समझौता कर लिया था.
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