- नर्मदा का पानी छोड़ा गया था लेकिन ठंड के कारण कम श्रद्धालु पहुँचे-सुबह ठिठुरते नजर आए डुबकी लगाने वाले
उज्जैन। इस वर्ष की अंतिम सोमवती अमावस्या पर आज शिप्रा नदी में स्नान के लिए लाखों लोगों के आने का अनुमान लगाया गया था। परंतु आज सुबह 10 बजे तक शिप्रा के घाटों पर स्नान करने वाले लोगों की भीड़ अपेक्षा से कम नजर आ रही थी। घाटों पर सुरक्षा के लिए एक दिन पहले से ही सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई थी। इसके अलावा स्नान के लिए साफ पानी उपलब्ध कराने हेतु नर्मदा का 2 एमसीएम पानी भी एक दिन पहले शिप्रा में छोड़ा जा चुका था।
उल्लेखनीय है कि आज 30 दिसंबर को इस साल की अंतिम सोमवती अमावस्या आई है। इस दौरान शिप्रा नदी पर स्नान के लिए लाखों श्रृध्दालु पहुंचने का अनुमान लगाया गया था। इसे देखते हुए शिप्रा नदी में नर्मदा का 2 एमसीएम पानी पाईपलाईन के जरिए त्रिवेणी स्थित नागफनी से शिप्रा में छोड़ा जा चुका है। इधर कान्ह नदी का दूषित पानी भी शिप्रा में लगातार मिल रहा था। आज बड़ी संख्या में लोग यहां शिप्रा स्नान करने के लिए पहुंचने वाले थेे। वहीं महाकाल में भी लाखों भक्तों की भीड़ उमडऩे की संभावना जताई गई थी। परंतु कड़ाके की सर्दी के कारण आज सुबह 10 बजे तक रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट से लेकर छोटे पुल तक के अन्य घाटों पर सोमवती अमावस्या स्नान के लिए आए श्रृध्दालुओं की संख्या कम नजर आ रही थी। हालांकि दोपहर में इसमें इजाफा हो सकता है। पुलिस प्रशासन, नगर निगम और पीएचई ने लाखों श्रृध्दालुओं के आगमन के हिसाब से पिछले तीन-चार दिनों से व्यवस्थाएं जुटाना शुरु कर दिया था। अनुमान था कि इस वर्ष की अंतिम सोमवती अमावस्या होने के कारण आज उज्जैन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं पहुंचेंगे और शिप्रा नदी में स्नान और देव दर्शन करेंगे। सोमवती अमावस्या के स्नान महत्व को बताते हुए ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बा वाला ने बताया कि स्कंद पुराण के अवंती खंड में 84 महादेव का उल्लेख है। इनमें सोमेश्वर महादेव तीर्थ पर सोम कुंड में स्नान करने की मान्यता है। एक मान्यता यह भी है कि जिन्हें ऊपरी हवा या किसी प्रकार का फेरा साथ में आया हो ऐसे दोष की निवृत्ति के लिए सोम कुंड में स्नान की परंपरा है। साथ ही स्नान के बाद भगवान सोमेश्वर का अभिषेक पूजन और पितरों के निमित्त तर्पण करने की परंपरा भी है। आज के दिन शिप्रा तट स्थित सोमतीर्थ कुंड में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। यह कारण रहा कि दो दिन पहले ही नगर निगम और पीएचई ने सोमतीर्थ कुंड की सफाई कर यहां स्नान के लिए फव्वारे भी लगा दिए थे। आज करीब दो लाख लोगों के शिप्रा स्नान के लिए आने का अनुमान लगाया गया था। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भी आज के दिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यपालन दण्डाधिकारियों की ड्यूटी लगा दी थी। वहीं 5 जनवरी तक महाकालेश्वर मंदिर में शिफ्टवार ड्यूटी लगा दी गई है। शिप्रा के घाटों पर भी आज सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सोमवती स्नान के लिए नर्मदा- शिप्रा लिंक योजना में पाईपलाईन के जरिए शिप्रा में नर्मदा का पानी आ चुका है। पीएचई के कार्यपालन यंत्री एनके भास्कर ने बताया कि स्नान पर्व को देखते हुए पाईपलाईन से 2 एमसीएम नर्मदा का पानी कल शाम तक शिप्रा में छोड़ा जा चुका था।
स्नान पर्व के कारण आज मंडी में अवकाश
कृषि उपज मंडी में शनिवार और रविवार को अवकाश के कारण अनाज की नीलामी नहीं हुई। वहीं आज सोमवती अमावस्या स्नान के कारण अनाज तिलहन व्यापारी संघ की मांग पर मंडी प्रशासन ने अवकाश रखा है। इसके चलते आज भी मंडी में अनाज की नीलामी नहीं हुई। हालांकि आलू-प्याज मंडियां खुली रही और कारोबार भी हुआ। अनाज मंडी के अलावा आज लहसुन मंडी में भी अवकाश होने से नीलामी नहीं हो सकी। मंडी में कल मंगलवार से कारोबार शुरु होगा और नीलामियां आरंभ हो जाएगी।