हिंदू सनातन परंपरा के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर एक बार फिर अपनी जगमगाहट से दुनिया को आकर्षित करेगा। इतिहास में कभी सोने से लदा हुआ ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर एक बार फिर स्वर्ण कलशों से जगमगाता हुआ दिखाई देगा और इस काम का शुभारंभ भी हो चुका है। सोमनाथ मंदिर को 1400 सोने के कलशों से मढ़ने की तैयारी की जा रही है और जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट ने यह जानकारी दी।
गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ मंदिर को कलशों को सोने से मढ़ने का काम साल 2021 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि अपार धन संपदा के कारण सोमनाथ मंदिर को इतिहास में कई बार तोड़ा गया और दोबारा बनाया गया। अब सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट ने हाल ही मंदिर को 1400 कलशों को सोने से मढ़ने का निर्णय लिया था। मंदिर के ट्रस्टी पीके लहरी ने मीडिया को बताया कि हम सोमनाथ मंदिर को 1400 से अधिक ‘कलशों’ पर की सोने की परत चढ़ा रहे हैं। मंदिर के ट्रस्टी लहरी ने बताया कि मंदिर के लिए 500 से ज्यादा लोगों ने सोना दान किया है।
सोमनाथ मंदिर को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण खुद चंद्रदेव ने करवाया था। मंदिर के वर्तमान भवन के पुनर्निमाण की शुरुआत आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करवाया था और 1995 में राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया था। सोमनाथ मंदिर को इस्लामिक सम्राटों द्वारा 17 बार नष्ट किया गया, लेकिन हर बार इसे फिर से बनाकर खड़ा कर दिया गया।
साल 1024 में विदेश आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने यहां पर चढ़े सोने-चांदी तक के सभी आभूषणों को लूटा लिया था और शिवलिंग को भी तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन नाकाम रहा था। महमूद गजनवी के बाद वर्ष 1300 में अलाउद्दीन खिलजी की सेना ने भी शिवलिंग को खंडित किया। वर्तमान में सोमनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 155 फीट है और मंदिर के चारों तरफ विशाल आंगन है।
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