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    कहीं आप की भी तो नही उड़ी है रातों की नींद, स्‍टडी में सामनें आई ये बड़ी वजह

  • December 19, 2024

    नई दिल्ली. शरीर और दिमाग (body and mind) की तंदुरुस्ती के लिए स्लीपिंग पैटर्न का सही होना बहुत जरूरी है. खराब नींद के चलते लोग डिप्रेशन, बेचैनी और मोटापे का शिकार हो रहे हैं. इसलिए एक हालिया स्टडी में रात के वक्त लोगों की नींद खराब होने के कारणों का पता लगाया गया है, जिसमें स्ट्रेस, पैसों की चिंता और रूम टेंपरेचर सही ना होने जैसी कई प्रमुख बातें शामिल हैं.

    2000 लोगों पर हुई स्टडी के मुताबिक, करीब 38 फीसद लोग अनकम्फर्टेबल मैट्रेस (बिस्तर) की वजह से पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं. जबकि 36 फीसद लोगों की नींद उनके पार्टनर के खर्राटों ने उड़ा रखी है. अक्सर ट्रैफिक के शोर, खिड़की से आती रोशनी और कैफिनेटेड ड्रिंक (caffeinated drink) पीने जैसी कुछ आदतें भी एक इंसान की नींद उड़ाने के लिए जिम्मेदार होती हैं.


    इसके अलावा, फोन की रोशनी से भी कई लोगों का स्लीपिंग पैटर्न डिस्टर्ब हो रहा है. सोने से पहले फोन पर सोशल मीडिया चलाने वाले (14%), गेम खेलने वाले (12%) और पढ़ने वाले (13%) लोगों की नींद पर इसका बुरा असर दिखाई दिया है. फर्नीचर रिटेलर DFS द्वारा किए गए इस शोध के मुताबिक, औसतन वयस्कों ने बताया कि इस बुरी आदत की भरपाई के लिए उन्हें हर रात करीब चार घंटे अतिरिक्त नींद की जरूरत होती है.

    ‘स्लीप अनलिमिटेड’ के क्लीनिकल डायरेक्टर और ‘टीचिंग द वर्ल्ड टू स्लीप’ के लेखक डॉ. डेविड ली ने कहा, ‘हमने महामारी के नतीजे के रूप में लोगों के रूटीन टाइम में बड़े बदलाव देखे हैं, इसलिए इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि बहुत से लोग एक अच्छे बेडटाइम रुटीन (bedtime routine) को बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.’

    एक्सपर्ट की राय है कि नींद की कमी से परेशान हो रहे लोगों को अपना बेडरूम फिर से व्यवस्थित करने की आवश्यकता है. ऑफिस के लिए तैयार होने, पढ़ाई करने या इलेक्ट्रिकल डिवाइस(electrical device) के इस्तेमाल के लिए घर में कोई दूसरी जगह ढूंढें. इससे कुछ समय बाद आपको समझ आने लगेगा कि बेडरूम का स्पेस सिर्फ सोने के लिए है और वहां एंट्री होने के बाद आप सिर्फ यही काम करेंगे.

    इसमें भी कोई हैरानी की बात नहीं कि हमारा मैट्रेस या तकिया भी नींद की क्वालिटी पर बुरा असर डालते हैं. साथ ही घर में या घर के आस-पास का भावनात्मक या भौतिक माहौल भी इसे प्रभावित करता है. इसलिए सुनिश्चित करें कि अच्छी गुणवत्ता की नींद के लिए आपके पास आरामदायक पलंग और एक अच्छा रूटीन जरूर हो.

    रात में बेचैनी की वजहें
    इस स्टडी में उन सभी कारणों पर गौर किया गया है जो रात में हमारी नींद खराब करने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. इसमें तनाव, टेंपरेचर, आरामदायक बिस्तर या तकिया, पैसों की चिंता, बहुत ज्यादा रोशनी, कैफिनेटेड ड्रिंक, ट्रैफिक के शोर समेत वर्कप्लेस की चिंता, एल्कोहल का सेवन, मोबाइल फोन का इस्तेमाल और सोने से थोड़ी देर पहले डिनर करने जैसी बातें शामिल हैं.

    हालांकि, पांच में से एक शख्स ने बताया कि मार्च, 2020 से उनकी स्लीपिंग क्वॉलिटी में सुधार आया है. इनमें से करीब 28 फीसद लोगों ने बताया कि अब वह शाम के वक्त आराम के लिए ज्यादा समय निकाल रहे हैं. ‘वर्किंग फ्रॉम होम’ ने भी घर से काम करने वाले करीब 27 फीसद लोगों को बेहतर नींद लेने में में मदद की है.

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