जबलपुर। ओमीक्रोन वायरस को लेकर पूरा देश भयभीत और सतर्क है। भय इसलिय क्योंकि 2021 में जो मंजर पूरे देश और दुनिया ने देखा वह बड़ा ही भयावय था। जिसके बाद बड़ी मुश्किलों से लोगों ने अपनों को खोकर फिर से जिंदगी में आगे बढऩा शुरु किया। कुछ दिनों से ओमीक्रोन वायरस की बात जब सामने आई तो विशेषज्ञों ने दावा किया कि कोरोना का यह वेरियंट बहुत ही खतरना है। जिसके परिणाम बहुत घातक हो सकते है। इसका असर उस वक्त शहर में समझ में आया जब एक अफ्रिकन महिला को जिला प्रशासन ने तत्परता से ट्रैक करते हुए क्वारंटीन कर दिया था। जिसके बाद ओमीक्रोन वायरस को लेकर शहर में सतर्कता और भी बढ़ गई है।
जब पूरा शहर सतर्क है तो शहर का कुछ बुद्धीजीवी वर्ग है जो कि फिर से शहर को खतरे की ओर ले जाने में जुटा हुआ है। हम बात कर रहे हैं शहर के नामचीन बैंड संचालक की विदेशी नागरिकों के साथ सोशल मीडिया में वायरल फोटो की। जिसमें कि स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है कि बैंड संचालक हैदराबाद में है और बकायदा विदेशी नागरिकों के संपर्क में है। अगर हैदराबाद बैंड सचालक आ चुके है तो उनका आरटीपीएसीआर टैस्ट होना जरूरी है। क्योंकि फोटो में वह कई विदेशी नागरिकों के साथ दिख रहे हैं। अगर वह वापस नहीं लौटे है तो स्वास्थ्य विभाग को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सबसे पहले बैंड संचालक के शहर वापस आने पर उनका तत्काल टैस्ट होना चाहिए। ऐसे में अगर बैंड संचालक संक्रमित हुए तो वह शहर में दूसरों के लिए भी एक खतरा बन सकते हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार बैंड संचालक का अभी तक किसी भी प्रकार का टैस्ट नहीं हुआ है। अर्थात यह बुद्धिजीवी वर्ग कहीं एक बार फिर से शहर को खतरे में न डाल दें। क्योंकि कोरोना की शुरुआत में भी शहर में यह बीमारी एक धनाड्य परिवार के सदस्यों द्वारा ही शहर में फैली थी।
सीएमएचओ का नहीं उठा फोन
इस मामले को लेकर जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रत्नेश कुररिया से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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