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    कहीं सर्वधर्म सभा तो कहीं हुआ धरना-प्रदर्शन

  • December 03, 2020

    • कहीं सर्वधर्म सभा तो कहीं हुआ धरना-प्रदर्शन

    भोपाल। आज भोपाल गैस त्रासदी की 36 वीं बरसी है। इस अवसर पर बरकतउल्ला भवन में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में दिवंगत गैस पीडि़तों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस आदि उपस्थित रहे। वहीं यूनियन कार्बाइड मूर्ति के सामने गैस त्रासदी संकल्प सभा, मानव श्रृंखला और इतवारा के ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में प्रदर्शन किया गया। गैस पीडि़त संगठनों का कहना है कि हर मर्ज, हर दर्द का कभी न कभी अंत तो होता ही है। पर भोपाल के गैस पीडि़तों के दर्द का अंत 36 साल बाद भी नहीं हो सका। 2-3 दिसंबर 1984 की रात जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस से लाखों लोगों को मिले जानलेवा दर्द से आज उनकी तीसरी पीढ़ी भी कराह रही है। भोपाल गैस त्रासदी को 36 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस हादसे के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर में रखा जहरीला कचरा अब तक नष्ट नहीं हो सका है। इसके चलते 66 एकड़ (26.71 हेक्टेयर) जमीन का अभी कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर गाइडलाइन के हिसाब से जमीन का बाजार मूल्य लगभग 181 करोड़ 62 लाख रुपए है।

    प्रदर्शन, संकल्प सभा और मानव श्रृखला बनाई
    गैस त्रासदी की 36 वीं बरसी पर संगठनों ने शहरभर में विरोध दर्ज कराया। इस अवसर पर भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने इतवारा में प्रदर्शनकिया। पार्टी के सचिव शैलेंद्र कुमार शैली ने कहा कि भोपाल के सभी गैस पीडि़तों को अधिकतम मुआवजा मिले। इस मुआवजे के दर वह हो जो अमेरिका ने अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए निर्धारित की है। सभी गैस पीडि़त निराश्रितों को सम्मानजनक पेंशन प्रतिमाह नियमिति रूप से मिले। गैस पीडि़तों के हित में नि:शुल्क इलाज हेतु भोपाल मेमोरियल अस्पताल और राज्य शासन के गैस राहत विभाग का पृथक अस्तित्व कायम रहे। कोरोना संक्रमण से ग्रस्त गैस पीडि़त नागरिकों का नि:शुल्क इलाज हो। गैस पीडि़तों को अधिकतम मुआवजा व न्याय देने तथा अपराधियों को दंडित करने के लिए भारत सरकार ठोस निर्णायक कार्रवाई करे। उधर युनियन कार्बाइट प्रतिमा के सामने संकल्प सभा का अयोजन किया गया। जहां संगठनों ने सरकार से गैस पीडितों की मांगों को पूरा करने की मांग की। इसके बाद मानव श्रृखला बना कर प्रदर्शन किया गया।

    सुल्तानिया अस्पताल को हमीदिया में शिफ्ट करने की तैयारी
    राजधानी भोपाल में स्थित हमीदिया अस्पताल में छह माह के भीतर सुल्तानिया अस्पताल को शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके निर्देश चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दिए हैं। वे बुधवार को गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) व हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्?होंने यह बात कही। हमीदिया में सुल्तानिया अस्पताल के शिफ्ट होने से प्रसूताओं और उनके नवजातों को एक जगह कम समय में अच्छा इलाज मिलने लगेगा। अभी सुल्तानिया में प्रसव होने के बाद किसी नवजात की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है तो उसे कमला नेहरू अस्पताल तक पहुंचाने में समय लगता है। अनहोनी का भी खतरा रहता है। सुल्तानिया अस्पताल में अभी बेड क्षमता 180 है, जिसे बढ़ाकर 300 करने की योजना पर काम होगा। मंत्री विश्वास सारंग बुधवार को निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्हें केज्युअल्टी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर अव्यवस्थाएं मिलीं। रिकॉर्ड बराबर नहीं था। प्रवेश करने और बाहर जाने वालों के बारे में जानकारी नहीं थी। इस पर मंत्री ने व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। अधीक्षक डॉ. आइडी चौरसिया को शोकाज नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने डाक्टरों से भी बातचीत की।

     

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