नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma)को हम उनके मस्तमौला अंदाज (cool style)के लिए जानते हैं। मगर कई बार मैदान (Field)पर उनका ‘विकराल’ रूप देखने को मिलता है। वह खिलाड़ियों (players)पर कुछ इस कदर भड़क जाते हैं कि मैदान पर ही उन्हें खरीखोटी सुनाने लगते हैं। इस दौरान वह कई बार अपशब्दों का भी इस्तेमाल कर जाते हैं, जो स्टंप माइक में कैद हो जाते हैं। कई फैंस इसे मजाकिया रूप में ले जाते हैं, तो कई इसकी आलोचना करते हैं। मगर हिटमैन का नेचर जानने वाले खिलाड़ी यह बात भी जानते हैं कि उनका यह गुस्सा सिर्फ मैदान तक ही सीमित है, मैदान के बाहर वह काफी चिल्ल इंसान हैं। हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ हुई सीरीज के दौरान भी रोहित शर्मा के कई कमेंट स्टंप माइक में कैद हुए। जिसमें से एक ‘कोई यहां गार्डन में घूमेगा नहीं’ था। रोहित शर्मा ने अब अपने इस कमेंट पर सफाई दी है।
एक इंटरव्यू में रोहित शर्मा ने कहा, “कभी-कभी मैं बोल देता हूं जो माइक में पकड़ा जाता है। मैं ऐसा ही हूं। किसी को चोट पहुंचाने के लिए मैं ऐसा नहीं करता हूं बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए बोलता हूं कि उन्हें याद रहे कि वह किसी जॉब पर हैं। मुझे सभी को व्यस्त देखकर बहुत खुशी हुई जो बिल्कुल शानदार था। यह पूरी बात उस बारे में है जहां मैं उन्हें बता रहा हूं कि ‘कोई यहां गार्डन में घूमेगा नहीं’, दिन के अंत में कोशिश करता हूं कि काम पूरा हो जाए।
इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में 5 भारतीयों ने डेब्यू किया। रोहित शर्मा इन डेब्यू करने वाले खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस से काफी खुश नजर आए। उन्होंने साथ ही इंग्लैंड के खिलाफ हुई इस सीरीज को अपने टेस्ट करियर की सबसे मुश्किल सीरीज में से एक बताया।
कप्तान ने कहा, “पांच टेस्ट मैचों की सीरीज हमेशा कठिन होती है, उस डेढ़ से दो महीने के दौरान हमें बहुत सारी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलना बहुत अलग अनुभव था और इंग्लैंड जैसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ हम जानते थे कि यह कभी भी आसान नहीं होगा। हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा और निश्चित रूप से अंत तक, मैं कह सकता हूं कि हम चार मौकों पर शीर्ष पर आने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने वह सीरीज जिस तरह से खेली, उससे बहुत-बहुत खुश हूं।
उन्होंने युवा खिलाड़ियों को लेकर आगे कहा, “मुझे युवाओं के साथ खेलने में बहुत मजा आया। ये सभी बहुत चुलबुले हैं। मैं उनमें से अधिकांश को अच्छी तरह से जानता था और उनकी ताकत क्या है और वे खेल को कैसे खेलना चाहते हैं। मैं बस उनसे इस बारे में बात कर रहा था कि वे कितने अच्छे हैं और उन्होंने अतीत में क्या अच्छे काम किए हैं। जिस तरह से उन्होंने मुझे और राहुल भाई (कोच राहुल द्रविड़) को जवाब दिया वह शानदार था।
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