डेस्क: जयपुर-मुंबई ट्रेन में तीन मुस्लिम यात्रियों और अपने एक साथी की गोली मारकर हत्या करने वाले कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी का अपराध से पुराना नाता है. 31 जुलाई की घटना में उसने तीन अलग-अलग बोगियों में तीन मुस्लिम यात्रियों की जान ले ली थी. गोलीबारी करने के बाद चौधरी ने कथित रूप से ‘मोदी-योगी’ को वोट देने की बात कही थी. बाद में दावा किया गया कि वह किसी मांसिक रोग से पीड़ित है. अब पता चला कि वह “आदतन अपराधी” है. उसपर पहले से तीन केस चल रहे हैं.
मुंबई सेंट्रल के आरपीएफ सीनियर डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर ने 14 अगस्त को गोलीबाज चेतन सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. उसने चलती ट्रेन में एक एएसआई टीकाराम मीना और तीन यात्रियों अब्दुल कादिर मोहम्मद हुसैन भानुपुरवाला, सैयद सैफुद्दीन और असगर अब्बास शेख को गोली मार दी थी. सभी की मौके पर ही मौत हो गई. मामले की जांच चल रही है. इस बीच इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि आरोपी कॉन्स्टेबल के खिलाफ ‘हेट केस’ समेत तीन मामलों में पहले से जांच चल रही है.
गोलीबाज चौधरी पर पहले से चल रहा तीन केस
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि तीनों मामले में चौधरी ने डिपार्टमेंटल कार्रवाई का सामना किया है. 2017 में चेतन सिंह की आरपीजी डॉग स्क्वाड में नियुक्ति हुई थी. वह ऑफ ड्यूटी था और सिविल ड्रेस में घूम रहा था, जब उसने वाहिद खान नाम के एक शख्स को बिना मतलब के पकड़ लिया. चौधरी ने उन्हें प्रताड़ित किया. उनके साथ मारपीट की. इस बात की जानकारी जब उसके सीनियर को लगी तो उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए और इस काम के लिए उसे सजा भी मिली.
चौधरी के खिलाफ चोरी का भी केस है. 2011 में जब वह हरियाणा के जगाधरी में तैनात था, तब उसने अपने एक कलीग के अकाउंट से 25000 रुपए निकाल लिए थे. उसने बिना इजाजत अपने कलीग का एटीएम कार्ड ले लिया और पैसे निकाल लिए. एक तीसरे केस में चौधरी ने अपने एक कलीग के साथ मारपीट की थी. वह तब गुजरात के भावनगर में तैनात था. इस केस के बाद उसका दूसरे डिपार्टमेंट में तबादला कर दिया गया.
गोलीबारी से पहले मुस्लिम महिला को भिड़ाया बंदूक
कॉन्स्टेबल चेतन सिंह चौधरी ने 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में गोली चलाई और तीन मुस्लिम समेत चार लोगों की हत्या कर दी. इससे पहले उसने एक मुस्लिम महिला को बंदूक भिड़ाकर ‘जय माता दी’ कहने के लिए मजबूर किया. ट्रेन की सीसीटीवी में पूरा मामला रिकॉर्ड हो गया. महिला ने बुर्का पहना हुआ था, जिससे संभवत: उसके मुस्लिम होने की पहचान की. ट्रेन में गोलीबारी की घटना के बाद उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है और जांच चल रही है.
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