– लॉकडाउन में भी पकड़े गए 5 रिश्वतखोर, लोक परिवहन बंद होने से कई नहीं आ पाए
इदौर। लॉकडाउन के चलते जनता जहां रोजी रोटी के लिए मोहताज हो रही थी। वही सरकारी विभाग के कर्मचारियों का रिश्वतखोरी का खेल जारी था। लोक परिवहन बंद होने से जहां कई लोग उनकी शिकायत करने नहीं पहुंच पाए, वही कुछ लोगों ऐसे थे । जो 100 किलोमीटर बाइक चलाकर तो कुछ पास बनवा कर टैक्सी से इंदौर पहुंचे और 5 रिश्वतखोरों को लॉकडाउन के दौरान भी पकड़ वाया।
यूं तो लोकायुक्त पुलिस हर साल लगभग 30 से 40 सरकारी विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रै्रप करती है। इसमें भी समय अधिक संख्या पटवारी पंचायत सचिव और पुलिसकर्मियों की होती है। लॉकडाउन के दौरान लोकायुक्त पुलिस इंदौर के पास यूं तो बड़ी संख्या में शिकायतें आई, लेकिन लोक परिवहन बंद होने के कारण कई पीडि़त इंदौर नहीं आ सके। क्योंकि बिना शिकायत और जाल बिछाने के बाद ही रिश्वतखोर को रंगे हाथों पकड़ा जाता है। इसके कारण कई लोग बच गए, लेकिन फिर भी लॉकडाउन के दौरान कई लोग इनसे इतने परेशान हो गए कि कोई 100 किलोमीटर बाइक चलाकर खुद इंदौर आया तो कुछ लोगों ने पहले पास बनवाया और फिर किराए की टैक्सी लेकर इंदौर आए। इसमें से 5 लोगों को लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा है, इसमें हरसूद के मंडी सचिव खंडवा के एएसआई बड़वानी के प्राचार्य धार के सहायक सचिव और बदनावर के पंचायत सचिव शामिल है। सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन का रिश्वतखोर ने खूब फायदा उठाया। क्योंकि विभाग के अधिकारी सभी कोरोना की जंग में लगे हुए थे और कोई देखने वाला नहीं था। इसके चलते लॉकडाउन में भी खूब भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन लोग शिकायत करने नहीं पहुंच पाए। वरना यह आंकड़ा और अधिक होता।
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