इंदौर-राघोगढ़ के बीच ग्रीनफील्ड हाइवे के कारण डिनोटिफाई होगा बैतूल रोड का कुछ भाग
इंदौर। इंदौर-बैतूल नेशनल हाइवे (Indore-Betul National Highway) यानी नेमावर रोड फोरलेन प्रोजेक्ट (fourlane project) के तहत इंदौर-करनावद-राघोगढ़ के बीच नया ग्रीनफील्ड हाइवे बनाया जा रहा है। इस वजह से इस रोड का कुछ हिस्सा नेेशनल हाइवे में से हटेगा और इसका रखरखाव मध्यप्रदेश सरकार को करना होगा। प्रदेश सरकार चाहती है कि जिस हिस्से को ट्रांसफर होना है, उसे पहले नेशनल हाईवेज फोरलेन में बदलें, फिर वह रोड प्रदेश सरकार ले लेगी।
इंदौर-राघोगढ़ के बीच बनने वाला ग्रीनफील्ड हाइवे (Greenfield highway to be built between Indore-Raghogarh) इंदौर के एमआर-10 जंक्शन पर आकर मिलेगा, जहां इसी रोड के लिए थ्री लेयर फ्लायओवर बनाया जा रहा है। एकदम नए अलाइनमेंट में बनने के कारण ऐसे हाइवे को ग्रीनफील्ड हाइवे कहा जाता है। इंदौर-राघोगढ़ के बीच बनने वाली नई फोरलेन रोड की लंबाई 26.90 किलोमीटर होगी। इसके निर्माण की लागत 1011 करोड़ रुपए है। एनएचएआई ने सडक़ निर्माण का ठेका सौंप दिया है और 2024 के अंत तक इसके बनने की उम्मीद है। इसमें एक बड़ा पुल, चार छोटे पुल और 19 जगह अंडरपास बनाए जाएंगे।
गडकरी के सामने अफसर बोले- जमीन अधिग्रहण कौन करेगा?
सांसद शंकर लालवानी ने इंदौर-करनावद के बीच करीब 40 किलोमीटर लंबे हिस्से के डिनोटिफाई होने का विषय उठाया था। इस पर एनएचएआई अफसरों ने मंत्री को बताया था कि नियमानुसार विभाग जिस रोड नेशनल हाइवे से डिनोटिफाई करता है, उसका सुदृढ़ीकरण या नवनिर्माण कर संबंधित प्रदेश सरकार को सौंपा जाता है, लेकिन उसका चौड़ीकरण नहीं किया जाता। यदि फोरलेन बनाना है, तो इंदौर-करनावद के बीच जमीन अधिग्रहण करना होगा, अतिक्रमण और बाधाएं हटाना होंगी। यह जिम्मेदारी और खर्च कौन उठाएगा? इस पेच के बाद सांसद ने मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन से इंदौर-करनावद रोड के चौड़ीकरण का सर्वे कराया है। हालांकि, अब तक इसके चौड़ीकरण को लेकर फैसला नहीं हुआ है।
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