नई दिल्ली: दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेजीलेंस (artificial intelligence) तकनीक को लेकर डर का माहौल है. क्योंकि, इसके जरिए कई तरह की धोखाधड़ी (Fraud) को अंजाम दिया गया है. वहीं, ऐसे कायस भी लगाए जा रहे हैं कि यह टेक्नोलॉजी (technology) कई नौकरियों को खत्म कर देगी. लेकिन, कई दिग्गज इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. दुनिया की मशहूर आईटी कंपनी IBM की चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर निकल लामोरेक्स (nickel lamoureux) ने कहा कि एआई टेक्नोलॉजी आईबीएम में नौकरियाँ नहीं छीनेगी.
निकल की मानों तो एआई तकनीक कुछ कार्यों और भूमिकाओं को पूरी तरह से रिप्लेस कर देंगी या उन्हें और आसान बना देंगी, जिससे लोगों का काम और सरल हो जाएगा. कंपनी की चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर का यह बयान तब आया है जब आईबीएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविंद कृष्णा ने कंपनी में कुछ पोस्ट पर नई भर्तियों को रोक दिया है. सीईओ अरविंद कृष्णा का मानना है कि आने वाले वर्षों में इन पदों को एआई द्वारा रिप्लेस (replace) किया जा सकता है.
सिर्फ कुछ नौकरियों को खतरा!
अरविंद कृष्णा ने विस्तार से बताया था कि उन्हें लगता है कि 5 साल की अवधि में लगभग 30 प्रतिशत नॉन-कस्टमर-फेसिंग रोल, जिनमें लगभग 7,800 नौकरियां – एआई और ऑटोमेशन द्वारा रिप्लेस की जा रही हैं. निकल लामोरेक्स ने मनीकंट्रोल को दिए एक स्पेशल इंटरव्यू में कहा, “मुझे लगता है कि ऐसी बहुत कम नौकरियाँ हैं जो पूरी तरह से एआई द्वारा रिप्लेस होने जा रही हैं. एचआर के नजरिए से, मुझे चिंता है कि इस पर पूरा मीडिया इसे पूरी तरह से गलत बता रहा है.”
“यह बहस पूरी तरह से गलत”
लामोरेक्स के अनुसार, आईबीएम में लगभग 300,000 कर्मचारी हैं, सीईओ अरविंद कृष्णा केवल 7,000 कर्मचारियों के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शायद 2 प्रतिशत नौकरियाँ चली जाएँगी और हो सकता है कि इसके बाद 2 फीसदी नौकरियाँ नए सिरे से पैदा होंगी. “हम सभी के लिए बड़ी चुनौती बीच की 96% नौकरियाँ हैं जो एआई तकनीक से बदलने जा रही हैं. मुझे लगता है कि मीडिया में एआई तकनीक से नौकरियां जाने की जो बातें हो रही हैं वे पूरी तरह से गलत है. क्योंकि, यह तकनीक एक सप्लीमेंट के तौर पर है.”
बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक तेजी से कुछ नौकरियों में इंसानों की जगह ले रहा है, खासकर कस्टमर केयर से जुड़ी सर्विसेज में. पिछले महीने दिसंबर में पेटीएम ने करीब 1000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया था. क्योंकि, कंपनी का मानना था कि एआई से उन्हें जितनी उतनी उम्मीद थी उससे कहीं बेहतर नतीजे मिले हैं. वहीं, ऐसी खबरें भी हैं कि गूगल भी एआई के चलते 30,000 लोगों को नौकरी से निकाल सकती है.
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