उज्जैन। महाकाल मंदिर में सोमवृष्टि यज्ञ का आयोजन बड़े पैमाने पर होने जा रहा है। वर्षा ऋतु के समय में प्राचीन काल में ऋषि मुनियों द्वारा किए जाने वाले यज्ञ की तरह 5 हजार वर्ष पुरानी पद्धति से यह यज्ञ किया जाएगा। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में 4 से 9 मई तक सुवृष्टि के लिए सौमिक अनुष्ठान कराने की तैयारी चल रही है।
मंदिर परिसर में जल स्तंभ के पास करीब 70 फीट लंबी यज्ञशाला का निर्माण कर आहूति के लिए यज्ञ की वेदी बनाई है। छह दिवसीय अनुष्ठान में हजारों साल पुरानी यज्ञ परंपरा से किया जाएगा। अनुष्ठान कराने के लिए महाराष्ट्र योगीराज वेदविद्या आश्रम के विद्वान पंडित शामिल होंगे। दक्षिण भारत के यज्ञाचार्य के सानिध्य में सात दिन तक शिव की प्रसन्नता के लिए हवन सामग्री में विशेष औषधियाँ मिश्रित कर आहुति दी जाएगी। यज्ञ में स्थानीय विद्वान भी शामिल होंगे। कहा जा रहा है कि यह यज्ञ 5 हजार साल पुरानी परंपरा से होगा। इस दौरान संघ प्रमुख सहित विशिष्ट अतिथियों के आने की भी संभावना है।
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