हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) के रूप में मनाया जाता है । इस बार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई दिन सोमवार को है। सोमवार होने के कारण इस बार सोम प्रदोष व्रत है। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत 24 मई को रखा जाएगा। सोम प्रदोष व्रत (Som pradosh vrat) के दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में विधि विधान से पूजा करते हैं। उनकी कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जागरण अध्यात्म में जानते हैं सोम प्रदोष व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में।
सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त
24 मई दिन सोमवार को प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए कुल 02 घंटे 10 मिनट का समय प्राप्त हो रहा है। इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को शाम के समय 07 बजकर 09 मिनट से रात 09 बजकर 20 मिनट के मध्य भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।
प्रदोष व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं (Religious beliefs) के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और पाप मिट जाते हैं। मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ ही भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है। विशेष तौर पर शनि प्रदोष(Shani Pradosh) का व्रत लोग संतान की प्राप्ति के लिए रखते हैं। लोक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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