मुंबई: देश के महानगरों और बड़े शहरों में रहने वाला हर सिनेमा प्रेमी PVR के बारे में जानता होगा. इनमें से ज्यादातर दर्शकों ने इस मल्टीप्लेक्स में फिल्में भी देखी होंगी. लेकिन, क्या आप पीवीआर के शुरू होने की कहानी जानते हैं. आखिर कैसे यह मल्टीप्लेक्स अस्तित्व में आया और इसे किसने बनाया?
पीवीआर को शुरू करने वाले अजल बिजली की कहानी, लाखों युवा उद्यमियों को प्रेरित करने वाली है. अपने पुश्तैनी बिजनेस के साथ-साथ उन्होंने कुछ ऐसा करने की सोची, जो भारत में मल्टीप्लेक्स के उदय की कहानी बनी. जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ एक खास बातचीत में उन्होंने बताया कि आखिर कैसे उन्होंने भारत में पीवीआर की शुरुआत की.
प्रिया लव विकास कैसे बना PVR?
PVR यानी ‘प्रिया विलेज रोड शो’, 1997 में अजय बिजली द्वारा शुरू किया गया था. लेकिन, पीवीआर के बनने की कहानी यहां से शुरू नहीं होती है. पूरी स्टोरी जानने के लिए हमें काफी पीछे जाना होगा. पीवीआर के फाउंडर अजय बिजली 1988 में पिता के साथ पुश्तैनी ट्रांसपोर्ट कारोबार में उतरे. लेकिन, उनके मन में कुछ अलग हटकर करने की इच्छा भी थी इसलिए अजय बिजली ने अपने पिता की एक नहीं सुनी और सिनेमा कारोबार में उतर गए.
अजय ने दिल्ली में 1978 में अपने पिता द्वारा खरीदे गए प्रिया सिनेमा (जिसे प्रिया लव विकास सिनेमा कहा जाता था) को संवारने की ठान ली. अजय भारत में सिनेमाघर को एक नया आकार और आयाम देना चाहते थे. इसके लिए वे लगातार कोशिशें करते रहे. अजय बिजली ने बताया कि पीवीआर को ब्रांड के लिए उन्होंने खुद मूवी के पोस्टर लगाए और टिकट तक बेचे.
पिता की मौत के बाद बढ़ी जिम्मेदारी
हालांकि, सब ठीक चल ही रहा था कि अचानक उनके पिता का निधन हो गया और उनके ट्रांसपोर्ट बिजनेस की सारी जिम्मेदारी अजय पर आ गई. हालांकि, ऐसे हालात में भी वे टूटे नहीं, उन्होंने ट्रांसपोर्ट बिजनेस का जिम्मा अमृतसर स्थित अपने चचेरे भाइयों को सौंपा और कुछ हिस्सेदारी अपने पास रखी.
प्रिया सिनेमा को बना दिया ब्रांड PVR
इसके बाद अजय बिजली फिर पीवीआर को मल्टीप्लेक्स ब्रांड बनाने में जुट गए. इसके लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कंपनी विलेज रोड शो के साथ ‘प्रिया’ को मिलाकर पीवीआर बनाया. 1997 में अजय बिजली ने दिल्ली के साकेत में पहला PVR मल्टीप्लेक्स खोला. इसके बाद तो मानो देश में मल्टीप्लेक्स की क्रांति आ गई. इसके बाद आज नतीजा सबके सामने है PVR देश में अग्रणी मल्टीप्लेक्स सिनेमा ब्रांड बन गया.
कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, देशभर के 115 शहरों में पीवीआर की कुल 1708 स्क्रीन्स हैं. इनमें से कुछ श्रीलंका में भी स्थित हैं. पीवीआर की स्क्रीन्स में कुल ऑडियंस कैपिसिटी 3.59 लाख है. शेयर बाजार में लिस्टेड पीवीआर का कुल बाजार पूंजीकरण करीब 17,300 करोड़ रुपये है.
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