केन्द्र की तर्ज पर मोहन सरकार भी सूर्य लक्ष्मी योजना की कर रही है शुरुआत
इंदौर। प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) के तहत देशभर में सस्ते मकान बनाए जा रहे हैं, ताकि गरीब परिवारों को छत मिल सके। इंदौर (Indore) में भी हजारों की संख्या में बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, जहां पर ईडब्ल्यूएस (EWS), एलआईजी (LIG) और एमआईजी (MIG) श्रेणी के फ्लेटों का निर्माण किया गया है। वैसे तो 65 हजार से अधिक फ्लेट के ये प्रोजेक्ट 2 साल पहले ही पूरे हो जाना थे, मगर इनमें से कुछ इमारतें अधूरी भी रही। नगर निगम द्वारा भूरी टेकरी, बोड़ानिया, बड़ा बांगड़दा, देवगुराडिय़ा लिम्बोदी, गोम्मटगिरी से लेकर अन्य स्थानों पर ये बहुमंजिला इमारतें पीएम आवास योजना के तहत बना रहा है, जिसमें पट्टे की जमीनों पर रह रहे गरीबों से लेकर तमाम योजनाओं के चलते विस्थापित होने वालों को शिफ्ट करवाया जाता है। अब प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की घोषणानुसार इन पीएम आवासों की छतों पर सोलर संयंत्र (Solar plants) स्थापित करवाए जाएंगे। इंदौर सहित प्रदेशभर में 20 लाख आवासों में ये संयंत्र लगना है।
इस योजना के तहत 3 किलोवॉट के सोलर संयंत्र लगेंगे और इनसे तैयार होने वाली अतिरिक्त बिजली को सरकार ही 3 से 4 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदेगी। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की पिछले दिनों केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी घोषणा की, जिसके चलते फ्री में एक सोलर रुफटॉफ योजना को अमल में लाया जा रहा है, जिसके माध्यम से मध्यम और गरीबवर्गी परिवार को 60 फीसदी तक सब्सिडी सोलर पैनल लगवाने पर मिल सकेगी। हर परिवार को 300 यूनिट फ्री बिजली भी इस योजना के तहत मिलेगी। अभी देशभर में 1 करोड़ से अधिक परिवार इस योजना का लाभ ले चुके हैं। इससे पर्यावरण को भी क्षति नहीं पहुंचती और कार्बन उत्सर्जन भी कम होता है। आज-कल तो मध्यमवर्गी और उससे लेकर उच्च परिवार के लोग भी अपने घरों की छतों पर सोलर संयंत्र लगवाने लगे हैं और चंद वर्षों में ही इसका पूरा खर्चा नि:शुल्क बिजली हासिल करने से निकल भी जाता है। इतना ही नहीं, केन्द्र सरकार की पीएम सूर्य गृह योजना में गरीब परिवारों को पैदा होने वाली सौर ऊर्जा से अतिरिक्त कमाई का लाभ भी दिया जाना है। दूसरी तरफ प्रदेश की मोहन सरकार ने केन्द्र की योजना की तर्ज पर ही सूर्य लक्ष्मी योजना शुरू करने की योजना बनाई गई है, जिसे जल्द ही कैबिनेट में रख मंजूर किया जाएगा। पहले चरण में इंदौर सहित प्रदेश के लगभग 20 लाख गरीब परिवारों के यहां यह सोलर संयंत्र लगेंगे। पीएम आवास योजना में रहने वाले इन परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। हितग्राहियों की 2 कैटेगरी इसके लिए तय की जाएगी। 1.80 लाख रुपए वार्षिक आय और दूसरी कैटेगरी में 3 लख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को शामिल किया जाएगा। 1 किलोवॉट के सोलर संयंत्र लगाने के लिए 90 स्क्वेयर फीट छत की जरूरत पड़ती है और 3 किलोवॉट के संयंत्र के लिए 270 स्क्वेयर फीट की आवश्यकता रहती है, जो कि पीएम आवास के लिए पर्याप्त मानी गई है। वहीं सोलर संयंत्र लगाने से पहले हितग्राहियों से सहमति पत्र भी लिया जाएगा, जिसके माध्यम से डिस्कॉम से बिजली बेचने के संबंध में अनुबंध होगा। इसके लिए टेंडर भी जारी होंगे और जो वेंडर कम लागत पर ये सोलर संयंत्र लगा सकेगा उसे ही ठेका दिया जाएगा। वैसे तो 3 किलोवॉट के सोलर संयंत्र पर लगभग डेढ़ लाख का खर्च आता है। चूंकि एक साथ लाखों संयंत्र लगाने का ठेका दिया जाएगा, जिसके चलते 10 से 15 हजार रुपए तक खर्च और घटेगा। संयंत्र लगाने की राशि के लिए हितग्राही को लोन सुविधा का लाभ भी दिया जाएगा और 78 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार इन गरीब परिवारों को 15 हजार रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी देगी। साथ ही 50 हजार रुपए तक सब्सिडी दर पर बैंक से लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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