प्रदेश के नाम रिकॉर्ड, पानी में सोलर ऊर्जा पैनल से सर्वाधिक बिजली उत्पाद
इंदौर। पानी (water) पर सोलर ऊर्जा पैनल ( solar energy panels) लगाकर देश में सर्वाधिक बिजली उत्पादन ( power generation) करने के लिए आज भोपाल (Bhopal) में एमओयू होगा। ओंकारेश्वर (Omkareshwar) के पास नर्मदा (Narmada) के बांध (dam) में बैकवाटर वोटिंग (backwater voting) और शोध परियोजना (research project) के कार्य को गति मिलेगी। यहां पर 278 मेगावाट योजना के लिए प्रबंध किया जा रहा है। इंदौर में जितनी बिजली (electricity) रोजाना खपत होती है, आधी बिजली का उत्पादन यहां पहले चरण में ही हो जाएगा।
नर्मदा नदी (Narmada river का मप्र के विकास में अहम योगदान है। इस योगदान में गुरुवार 4 अगस्त से और बढ़ोतरी होने जा रही है, जब ओंकारेश्वर के पास नर्मदा के बांध के बैकवाटर में फ्लोटिंग सौर परियोजना के कार्य में गति आएगी। 600 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना के तहत पहले चरण की 278 मेगावाट की योजना के अनुंबध होंगे। इस परियोजना के तहत बांध के बैकवाटर पर हजारों सोलर पैनल्स लगाई जाएंगी। यहां से प्रतिदिन बिजली तैयार होगी। यह बिजली मप्र के कई क्षेत्रों को रोशनी प्रदान करेगी। मप्र के प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने बताया कि विश्व में अपनी तरह की सबसे अनूठी और क्षमता, जलीय क्षेत्र के हिसाब से विशालकाय योजना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर कार्य हाथ में लिया गया है। इसके कई स्थानों पर अध्ययन किया गया, फिर योजना तैयार की गई, अब इस पर कार्य प्रारंभ होने का समय आ गया है। दुबे ने बताया कि यह पूरी योजना तीन हजार करोड़ की है। इसमें पावर ग्रिड कार्पोरेशन, वल्र्ड बैंक और इंटरनेशनल फायनेंस कार्पोरेशन वित्तीय मदद कर रहे हंै। योजना के तहत ओंकारेश्वर बांध के दूसरी ओर नर्मदा नदी के बैकवाटर पर लगभग 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगाई जाएंगी। ये पैनल्स इस तरह स्थापित की जाएंगी कि वर्षाऋतु में पानी का स्तर काफी ऊंचा होने पर भी भरपूर बिजली तैयार करेगी, वहीं ग्रीष्मकाल में जलस्तर नीचे जाने पर भी सूरज की किरणों से बिजली का जनरेशन सतत होता रहेगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि परियोजना के तहत गुरुवार दोपहर 12 बजे भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में अनुंबंध होंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे। अध्यक्षता प्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग करेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मप्र ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिरिराज दंडोतिया मौजूद रहेंगे।
इंदौर में खपत
इंदौर शहर में तकरीबन 500 मेगावाट बिजली औसत खपत रहती है। पानी पर सोलर बिजली उत्पादन में आज जो एमओयू साइन हो रहा है, वह 278 मेगावाट के लिए है, जो कि इंदौर शहर में कुल बिजली खपत का आधा हिस्सा रहता है। जब यहां पर पूरी क्षमता से 600 मेगावाट निर्धारित लक्ष्य के अनुसार बिजली उत्पादन सौर ऊर्जा से होने लगेगी तो यह इंदौर शहर की वर्तमान खपत के बराबर होगा। इसके लिए फिलहाल कुछ वर्षों का इंतजार भी संभव है।
इसलिए महत्वपूर्ण
जमीन की कमी के विकल्प के तौर पर ऊर्जा क्षेत्र के कार्यों के लिए पानी की तलाश की गई। ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर पर दो हजार हेक्टेयर क्षेत्र में नर्मदा नदी के पानी पर फ्लोटिंग सोलर पैनल्स परियोजना के तहत सभी चरणों में लगाए जाएंगे। यदि इतनी जमीन बाजार से खरीदी जाती तो अरबों रुपए की तो मात्र जमीन ही मिल पाती या मुआवजा चुकाना होता है।
इन राज्यों में पानी पर तैरती सोलर बिजली
– तेलंगाना 100 मेगावाट
– केरल 100 मेगावाट
– आंध्र प्रदेश 100 मेगावाट
– मध्य प्रदेश 278 मेगावाट ( अनुबंध आज) मध्यप्रदेश में पानी पर तैरती सोलर ऊर्जा बिजली देश में सर्वाधिक उत्पादन इकाई 600 मेगावाट के लिए पहले चरण में 278 मेगावाट हेतु आज एमओयू होगा
साल के आखिर तक शुरू होगा उत्पादन
पानी पर तैरती हुई सौर ऊर्जा पैनल से बिजली उत्पादन शुरू करने में कुछ समय लगेगा। दरअसल बांध के पीछे की तरफ जहां सर्वाधिक पानी होता है, वहां पर छोटी-छोटी सौर ऊर्जा की पैनल लगाई जाएंगी। इसके साथ ही बिजली संग्रहित करने के लिए उपकरण भी स्थापित करना है। इसमें 3 से 4 महीने का समय लगेगा। यानी इस साल के आखिर तक यहां पर सौर ऊर्जा बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा
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