नई दिल्ली (New Delhi) । इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन पड़ने वाला है। ज्योतिष विद्या में सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। सूर्य ग्रहण लगने से पहले ही सूतक काल लग जाता है। ऐसे में अमावस्या पर इस ग्रहण का क्या प्रभाव रहेगा ये जानना महत्वपूर्ण है। माना जा रहा है यह पूर्ण सूर्य ग्रहण लगभग 54 सालों के बाद लग रहा है। आइए जानते हैं पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने से भारत पर क्या असर पड़ेगा, सूतक काल, ग्रहण टाइमिंग और कुछ जरूरी डिटेल्स-
कब से कब तक लगेगा ग्रहण?
सूर्य ग्रहण का आरंभ (भारतीय समय के अनुसार)- रात 09 बजकर 12 मिनट से, 08 अप्रैल 2024
सूर्य ग्रहण की समाप्ति- मध्यरात्रि तक (9 अप्रैल 2024 की सुबह 02 बजकर 22 मिनट तक)
सूर्यग्रहण का मध्य समय- रात 11 बजकर 47 मिनट
अवधि- 5 घंटे 10 मिनट
भारत पर प्रभाव?
सूर्य ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा। भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा। इसलिए सूर्य ग्रहण मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव भी अमावस्या पर नहीं पड़ेगा।
किन देशों में देगा दिखाई?
यह सूर्य ग्रहण अटलांटिक, पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), आर्कटिक मेक्सिको, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में, आयरलैंड और कनाडा में दिखाई देगा।
सूतक काल
भारत में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। जिन देशों में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा वहाँ, सूतक भी लगेगा। सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है। ग्रहण और सूतक के दौरान कुछ कामों को करने की मनाही होती है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या है?
पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने पर पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह अंधेरा छा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण को बिना किसी यंत्र के खुली आँखों के जरिए भी देखा जा सकता है।
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