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    Social Media को लेकर 15 अप्रैल से बदल रहे नियम, सितारों की कमाई पर पड़ सकता है फर्क

  • February 27, 2021

    नई दिल्‍ली। सोशल मीडिया एक बड़ा बाजार बन चुका है। बॉलीवुड सितारे, क्रिकेटर या फिर अन्य इन्फ्लुएंसर हों, सोशल मीडिया पर ब्रांड्स का प्रचार करते नजर आते हैं और कई बार वह इसके जरिए लाखों-करोड़ों रुपये तक कमाते हैं। इंस्टाग्राम हो, यूट्यूब चैनल हो या फिर सोशल मीडिया के अन्य माध्यम, इन्फ्लुएंसर्स अपने ज्यादा से ज्यादा फॉलोअर्स बढ़ाना चाहते हैं जिससे ब्रांड्स उनके पास आएं और वह उन उत्पादों का प्रचार करें। अब यहां उपभोक्ताओं के साथ धोखा तब हो जाता है जब इन्फ्लुएंसर्स केवल पैसे की वजह से उस उत्पाद का प्रचार करते हुए दिखाई देते हैं। उपभोक्ताओं की परेशानी को समझते हुए एडवरटाइजिंग स्टैंडर्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने सेल्फ रेगुलेशन बढ़ाने के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी कर दी है।


    एएससीआई द्वारा जारी यह गाइडलाइन 15 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगी जिसके बाद आपके चहेते सितारे हों या अन्य इन्फ्लुएंसर उनके पोस्ट बदले हुए नजर आएंगे। दरअसल एएससीआई ऐसे विज्ञापनों पर नजर रखती है और सेल्फ रेगुलेशन को बढ़ावा देती है जिससे उपभोक्ता को भटकाया ना जा सके और ब्रांड्स गलत दावे ना कर सकें।

    सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनल्स को गाइडलाइंस जारी की है इसके लिए एएससीआई के व्हाट्सएप नंबर 7710012345 को स्क्रॉल करने के निर्देश दिए हैं। उपभोक्ता को अगर किसी विज्ञापन के दावे झूठे लगते हैं या फिर उन्हें उससे कोई अन्य आपत्ति है तो इस नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

    विशेषज्ञों का मानना है कि अब एएससीआई के सामने बड़ी चुनौती है कि वह इन नियमों का पालन कैसे करवाते हैं। इसके लिए उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है और उन्हें पता होना चाहिए कि सोशल मीडिया पर वह जो भी देख रहे हैं वह प्रमोशन है या ऑर्गेनिक है। माना जा रहा है एएससीआई के बनाए नियमों से उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी।

    इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग इंडस्ट्री दिनों दिन बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक इस समय यह इंडस्ट्री 100 करोड़ से ज्यादा की है। एएससीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण और शहरी इलाकों के उपभोक्ताओं में व्यूअरशिप का बहुत बड़ा अंतर नहीं है। ग्रामीण इलाकों की 82 फीसदी भागीदारी है वहीं शहरी इलाकों की यह 83 फीसदी की भागीदारी है। एएससीआई की इस ड्राफ्ट गाइडलाइन पर इंडस्ट्री, इन्फ्लुएंसर्स और उपभोक्ता आठ मार्च तक अपनी राय दे सकते हैं। 31 मार्च 2021 से पहले फाइनल गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी। 15 अप्रैल 2021 या उसके बाद रिलीज होने वाले सभी पोस्ट पर इन्फ्लुएंसर्स को इन गाइडलाइन का पालन करना होगा।

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