नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बाद भारत द्वारा 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगने से चाइनीज कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नुकसान के चलते टिक टॉक की पेरेंट कंपनी बाइटडांस अपने हैडक्वार्टर को चीन से बाहर शिफ्ट करने का प्लान कर रहा है। बता दें कि दुनिया में टिक टॉक के कुल यूजर्स में तीस प्रतिशत भारत में ही हैं। भारत में इस ऐप के करीब 60 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं। बीते साल बाइटडांस कंपनी ने भारत में बड़े स्तर पर फैलाव की योजना के तहत कई सीनियर पदों पर नियुक्तियां की थीं। कंपनी भारत को अपने लिए टॉप ग्रोथ देश के रूप में देख रही थी, लेकिन बैन के बाद हो रहे नुकसान की भरपाई करने के लिए बाइटडांस कंपनी का पुनर्गठन करने का विचार कर रहा है।
मनी कंट्रोल में छपी एक खबर के मुताबिक़, माना जा रहा भारत में बैन के बाद अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भी संयुक्त राज्य अमेरिका में इस ऐप प्रतिबंध लगाने का संकेत दिए हैं। बाइटडांस अपने टिक टॉक व्यवसाय के कॉर्पोरेट ढांचे में बदलाव का मूल्यांकन कर रहा है, कंपनी वापस उसी स्टेज पर पहुंचने के लिए कोई अच्छा विकल्प निकालने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए चीन के 59 ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया था। भारत द्वारा चीन के 59 एप बैन करने से चीन की एक ही कंपनी को 45 हजार करोड़ के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। ये कंपनी टिक टॉक और हेलो की मदर कंपनी है। चीन के सभी ऐप में टिकटॉक भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय था। कई सेलिब्रेटी ट्विटर यूजर्स के फॉलोवर की संख्या लाखों में है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक बाइटडांस को 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है।
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