भोपाल। करैरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दिहायला में स्थित मंगला माता मंदिर परिसर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद ज्योतिादित्य सिंधिया ने कहा, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो हमारे साथ आप लोगों ने भी सोचा कि वचन पत्र में किए गए वायदे पूरे होंगे, लेकिन उस सरकार ने किसानों के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं, महिलाओं सहित हर वर्ग को धोखा देकर गद्दारी की और गद्दारों को सजा देने का काम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में ग्वालियर-चंबल संभाग का योगदान था और जब हमने 10 महीने तक इंतजार किया, लेकिन हालात नहीं बदले तो फिर हमने सरकार गिरा दी। सिंधिया ने कहा, हमारी इमरती देवी का अपमान कांग्रेस ने किया है और वह फूट-फूट कर रो रही हैं, यह अपमान केवल उनका ही नहीं, बल्कि देश की महिलाओं का हुआ है। सिंधिया ने केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जहां किसानों के साथ छलावा किया, वहीं केंद्र सरकार ने किसानों को जब 6 हजार रुपए दिए तो शिवराज सिंह चौहान ने भी उसमें 4 हजार रुपए जोड़कर 10 हजार रुपए किसानों के खाते में पहुंचाए।
सिंधिया ने कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा, उस दोरान वल्लभ भवन (भोपाल) में ट्रांसफर उद्योग चलता था और बोली लगाई जाती थी। उस समय एक एसपी का तो एक सप्ताह में चार बार ट्रांसफर किया गया। सिंधिया ने आगे कहा, देश में तो जय श्रीराम का नारा लगता है, लेकिन कांगे्रस में जय कमलनाथ का नारा लगाया जाता है। कमलनाथ सरकार ने किसानों की जिस राशि को लॉक कर दिया था, उसे शिवराज सिंह ने अनलॉक कर जमा करवाया। सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में दो भाई (कमलनाथ व दिग्विजय सिंह) हैं, जिनकी जुगलबंदी 40 साल से चल रही है। जब चुनाव आता है तो बड़े भाई को पर्दे के पीछे कर दिया जाता है और जब सरकार बन जाती है तो छोटा भाई मुखौटा लगाकर पर्दे के आगे आ जाता है और बड़ा भाई पर्दे के पीछे रहकर छोटे भाई से एक्टिंग करवाता है।
मैं और शिवराज थे आमने-सामने
सिंधिया ने कहा, हमने सोचा था कि एक प्रगतिशील सरकार बनेगी, तथा 14 साल में शिवराज ङ्क्षसंह चौहान की सरकार ने जो विकास और प्रगति की लाइन खींची थी, हम उसे और भी आगे बढ़ाएंगे। पिछले चुनाव में शिवराज सिंह चौहान और मैं आमने-सामने थे, हमारे बीच में प्रतिद्वंद्वता थी, हम दोनों का उद्देश्य एक ही था प्रदेश का विकास और प्रगति, जिसके लिए अब हम एक हो गए हैं।
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