ढाका। बांग्लादेश(Bangladesh) में हिंदुओं पर जारी हमलों(attack on Hindus) के संबंध में देश के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 71 मामले दर्ज (71 Case File) किए गए हैं। इसके अलावा करीब 450 लोगों को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के आरोप में गिरफ्तार (450 arrested for spreading rumors) किया गया है। इस बीच, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी हिंसा की सख्त निंदा की है। यूएन ने सरकार से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
पुलिस मुख्यालय के सहायक महानिरीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां ने बताया कि अफवाह फैलाने वालों और हिंसा करने वालों के खिलाफ पूरे देश में अभियान जारी है। इसलिए ये मामले और गिरफ्तारियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। पुलिस ने कथित रूप से पोस्ट अपलोड करने वाले हिंदू युवक को भी हिरासत में ले लिया है।
हिंसा भड़काने वालों पर कार्रवाई के निर्देश
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गृहमंत्री असदुज्जमां खान को देश में मजहब के नाम पर हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लोगों से तथ्यों को जांचे बिना सोशल मीडिया पोस्ट पर भरोसा न करने की अपील भी की है।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 50 साल पहले जिन ताकतों ने देश की आजादी का विरोध किया था, वो आज भी हिंसा, नफरत और धर्मान्धता का जहर फैला रहे हैं। सरकार हिंसा की घटनाओं की निंदा करती है। हिंदू समुदाय के अंदर और बाहर से उठ रही आवाजों पर गंभीर संज्ञान ले रही है।
गृह मंत्रालय को सतर्क रहने के निर्देश
पीएम आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक में शामिल हुईं हसीना ने गृह मंत्रालय को सतर्क रहने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाने को कहा। सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी सद्भाव रैलियां निकाल रही है। मंगलवार को हिंसा के खिलाफ देशभर में शांति जुलूस निकाले।
पीड़ित परिवारों को मदद
कैबिनेट सचिव इस्लाम का कहना है, गृह मंत्रालय हिंसा भड़काने वाले अपराधियों को कटघरे तक पहुंचाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए काम रहा है। हिंसा प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद की घोषणा की है।
गत नौ वर्षों में हिंदुओं के 3,700 से ज्यादा घर-मंदिर हमलों का शिकार
एक अधिकार समूह के मुताबिक गत नौ वर्षों में बांग्लादेश के भीतर हिंदुओं पर करीब 3,721 हमले हुए है। ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि यह डाटा एक प्रमुख अधिकार समूह ‘ऐन ओ सलीश’ केंद्र से मिला है जिसके अनुसार 2021 पिछले पांच वर्षों में अब तक का सबसे घातक वर्ष रहा है। इसी अवधि में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ व आगजनी के कम से कम 1,678 मामले दर्ज किए गए हैं।
इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों में 18 हिंदू परिवारों पर हमले हुए हैं। यह संख्या इससे अधिक भी हो सकती है, क्योंकि मीडिया सिर्फ उन बड़े मामलों को कवर करता है जो प्रकाश में आते हैं। पिछले नौ वर्षों में सबसे खराब स्थिति 2014 में थी जब अल्पसंख्यकों के 1,201 घरों और प्रतिष्ठानों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। इस साल सितंबर के अंत तक 196 घरों, व्यापारिक केंद्रों, मंदिरों, मठों और मूर्तियों को भी तोड़ा गया।
अमेरिकी हिंदू संगठनों ने दर्ज कराया विरोध
अमेरिका में बांग्लादेशी हिंदुओं ने अपने मूल देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर जारी हिंसा के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि धार्मिक मतभेद उनके लिए अस्तित्व का संकट पैदा करते हैं। बांग्लादेशी हिंदू समुदाय के प्रनेश हल्दर ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से अपील की कि बांग्लादेश में पहले से ही परेशानियों में घिरे हिंदुओं को और नुकसान नहीं पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने अमेरिका स्थित निगरानी समूहों और मीडिया घरानों से बांग्लादेश में हिंसा की गंभीरता को उजागर करने का आग्रह किया। अमेरिकी हिंदू अधिकार समूह हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, ये हमले भयावह हैं।
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