– लोगों की मदद के लिए निगमकर्मियों की टीमें भी लगार्इं
– सामान शिफ्टिंग के लिए वाहन भी तैनात
– चार से पांच दिन और लगेंगे काम पूरा होने में
इंदौर। कुलकर्णी भट्टा पुल (Kulkarni Bhatta Bridge) पर पिछले दो दिनों से रहवासी ( Resident) खुद अपने स्तर पर बाधक मकानों (Barrier Houses) -दुकानों (Shops) के हिस्से हटाने में जुटे हुए हैं। निगम (Corporation) द्वारा सभी को अलग-अलग मल्टियों में 172 फ्लैट आवंटित कर दिए गए हैं और उन्हें सामान शिफ्टिंग के लिए हर रोज वाहन (Vehicle) उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अब तक 40 से ज्यादा बाधाएं हटाई जा चुकी हैं।
बड़ी बाधाओं और तमाम मुश्किलों के बाद जैसे-तैसे दूसरे दौर में कुलकर्णी भट्टा पुल (Kulkarni Bhatta Bridge) का काम शुरू हो पाया था, लेकिन पुल की कुछ भुजाओं का काम पूरा होने के बाद बाधक निर्माणों का अड़ंगा आ गया था। नगर निगम (municipal Corporation) के अधिकारियों ने लगातार कई दिनों तक रहवासियों को समझाइश दी और उसके बाद वे फ्लैट में जाने को तैयार हुए। अलग-अलग स्थानों पर सभी को फ्लैट आवंटित ( Flat Allotment) कर दिए गए। नगर निगम (municipal Corporation) अधिकारियों के मुताबिक 172 मकान-दुकानों के हिस्से बाधक बन रहे थे। इनमें से कई मकान तो पूरी तरह चपेट में आ रहे थे। फ्लैट आवंटन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें निगम द्वारा आवंटन पत्र दे दिए गए। अब पिछले दो दिनों से उनके सामान की शिफ्टिंग (Shifting) का काम भी चल रहा है। नगर निगम का अमला क्षेत्र में तैनात किया गया है, ताकि जिन लोगों को आवश्यकता पड़े उनकी मदद कर मकानों के हिस्से तोड़े जाएं।
अब तक 40 से ज्यादा मकान ढहाए
नगर निगम (municipal Corporation) अनूप गोयल के मुताबिक कुलकर्णी भट्टा (Kulkarni Bhatta) क्षेत्र में पुल के आसपास बाधक मकानों के हिस्से रहवासियों को खुद अपने स्तर पर तोडऩे के लिए कहा गया था, जिसके चलते अब तक 40 से ज्यादा लोगों ने अपने मकानों के हिस्से तोड़ लिए हैं और नए फ्लैटों में रहने चले गए हैं। आने वाले पांच से सात दिनों में शेष बाधाएं भी हटा दी जाएंगी।
अब तेजी से शुरू होगा एप्रोच रोड का काम
अधिकारियों के मुताबिक कुलकर्णी भट्टा पुल (Kulkarni Bhatta Bridge) का काम अब तेजी से पूरा किया जाएगा। वहां बाधक निार्मणों के कारण पुल के कई हिस्सों का काम तो रुका ही था, साथ ही एप्रोच रोड, रिटर्निंग वॉल (Returning Wall) और साइड रोड बनाने के मामले भी उलझन में पड़े हुए थे। अब तक एक छोर के हिस्से की साइट क्लीयर की जा चुकी है और उसके बाद वहां सडक़ से लेकर पुल का हिस्सा काफी चौड़ा नजर आने लगा है।
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