इंदौर। इंदौर में कडक़ड़ाती हवाओं (howling winds) ने एक बार फिर कड़ाके की सर्दी का अहसास करा दिया है। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में बर्फबारी और उत्तरी हवाओं की सक्रियता के चलते इंदौर (Indore) में रात का तापमान 8.6 डिग्री पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 2 डिग्री कम था। वहीं दिन का तापमान सामान्य (normal temperature) से 8 डिग्री कम हो गया है। सोमवार सुबह-सुबह लोगों को कड़ाके की सर्दी का अहसास हुआ। वहीं अब आगामी दिनों में सर्द हवाओं की ठिठुरन जारी रहेगी। किसानों को गेहूं की फसल के लिए ठंड राहत देगी तो चने, आलू की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। वहीं किसानों को कोहरे से भी फसल को बचाने की चुनौती का सामना करना होगा।
जनवरी के आखिरी दिनों में सर्द हवाएं कमजोर पड़ जाती हैं। इस बार मौसम के मिजाज में ठंडक देरी से घुली थी और अब कड़ाके की सर्दी का जोर एक बार फिर शुरू हो गया है। 3 दिन पहले अंडमान-निकोबार (Andaman and Nicobar) में बने पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) का असर कमजोर होने के बाद ही कल सुबह से उत्तर-पश्चिम (North West) की ओर से हवाएं सक्रिय हो गई थीं, जिससे दिन का तापमान 19.3 डिग्री पर आ टिका था, जो कि सामान्य से 8 डिग्री कम बताया जा रहा है। उत्तर की हवाएं 4 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही हैं। बीती रात का तापमान सामान्य से 2 डिग्री नीचे होकर 8.6 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जनवरी के बाकी दिन कड़ाके की सर्दी के साथ बीतने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड (Uttarakhand) में बर्फबारी का दौर मालवा में कड़ाके की सर्दी के साथ गुजरेगा।
गर्म कपड़ों की खरीदारी रहेगी जारी
जनवरी के आखिरी सप्ताह (last week) में गर्म कपड़ों के दुकानदार ग्राहकी समेटने में लग जाते हैं, लेकिन इस बार मौसम के मिजाज ने इन दुकानदारों को राहत दी है। उम्मीद की जा रही है कि जनवरी के आखिरी तक गर्म कपड़ों की दुकानदारी चमकेगी। लोग ठंड से बचने के लिए नए टाइप के गर्म कपड़े खरीदेंगे, जिससे कि इन दुकानों की ग्राहकी भी चलेगी।
संक्रांति के बाद कम होती है ठंड
अमूमन सर्दी का असर मालवा में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के बाद कम होता जाता है, लेकिन इस बार ठंड की शुरुआत देर से हुई। इसके बाद तीन से चार बार मौसम के मिजाज में परिवर्तन रहा, जिससे तापमान में 8 से 10 डिग्री का उतार-चढ़ाव सर्द हवाओं के बीच जारी रहा। अब जाकर हिमाचल और उत्तर भारत के राज्यों में बर्फबारी के साथ उत्तरी हवाओं की सक्रियता ने एक बार फिर मालवा को ठिठुरा दिया है।
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