नई दिल्ली (New Delhi) । सोते वक्त खर्राटे आना सामान्य बात है. ऐसा बहुत सारे लोगों के साथ होता है. खर्राटे (Snoring) जिसे आते हैं, उसे इसका एहसास नहीं होता लेकिन इन खर्राटों की वजह से अक्सर आसपास के लोगों की नींद खराब हो जाती है. कई बार ज्यादा और तेज खर्राटे लेने की वजह से ये लोगों के लिए मुसीबत बन जाते हैं. खर्राटे लेने की अलग-अलग वजहें हो सकती हैं. इसे अक्सर लोग थकान और बंद नाक से जोड़कर देखते हैं. कुछ लोगों को खर्राटे तनाव की वजह से भी आते हैं. लेकिन लंबे समय तक ये समस्या बड़ी बीमारी (major illness) का कारण बन सकती है.
भारत में इतने लोग लेते हैं खर्राटे
रिसर्च के अनुसार, भारत में 20 प्रतिशत लोग नियमित रूप से खर्राटे लेते हैं और 40 प्रतिशत लोग कभी-कभी खर्राटे लेते हैं.
खर्राटों को दूर करने के लिए लोग कई उपाय और टोटके आजमाते हैं लेकिन ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के डॉक्टर इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ हल्की-फुल्की बेडटाइम एक्सरसाइज (Bedtime Exercises) करने की सलाह देते हैं. भारतीय मूल के ब्रिटिश डॉक्टर करण राज का कहना है कि जीभ की कुछ ऐसी सिंपल एक्सरसाइज हैं जो खर्राटों की समस्या से निजात दिला सकती हैं.
डॉक्टर करण राज ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में जीभ को बाहर निकालने से लेकर उसे एक तरफ से दूसरी तरफ हिलाने और अपने मुंह के ऊपर टच करने जैसी बेहद आसान एक्सरसाइज बताई हैं.
1.पांच सेकेंड के लिए अपनी जीभ बाहर निकालें और उसे उसी अवस्था में रहने दें.
डॉ. राज ने अपनी पोस्ट में बताया कि खर्राटे को कम करने के लिए पहली एक्सरसाइज है जिसमें आपको पांच सेकेंड के लिए अपनी जीभ बाहर निकालना और उसे उसी अवस्था में कुछ देर के लिए छोड़ना है. उन्होंने खर्राटों को कम करने के लिए इस व्यायाम को तीन या चार बार दोहराने की सलाह दी.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आपको ऐसा करने में दिक्कत हो, तो आप एक चम्मच की मदद से जीभ को सपोर्ट दे सकते हैं. बिना दबाव महसूस किए अपनी जीभ को जितना हो सके बाहर की ओर धकेलें. इस एक्सरसाइज का मकसद स्ट्रेंथ में सुधारकर मांसपेशियों को फ्लेक्सिबल करना है. जीभ को पांच सेकंड तक बाहर निकालकर रखें और फिर अपनी जीभ को वापस मुंह के अंदर ले लें. ऐसा तीन से चार बार करें.
डॉ. राज ने कहा कि ये एक्सरसाइज आपकी जीभ और गले की मांसपेशियों की स्ट्रेंथ बढ़ाने और बैलेंस बनाने से जुड़ी हैं. इन एक्सरसाइज से मांसपेशियां बैलेंस में आएंगी और सोते वक्त इनमें फड़फड़ाहट नहीं होगी. गले और जीभ की मांसपेशियों के मजबूत होने से आप तरोताजा महसूस करेंगे और आपकी खर्राटों की परेशानी भी दूर होगी.
2.अपनी जीभ को बाएं और दाएं घुमाएं
उन्होंने बताया कि इस एक्सरसाइज में आपको अपनी जीभ को अपने मुंह के अंदर एक तरफ से दूसरी तरफ घुमाना है. जिस तरह कसरत करने से आपका शरीर गठीला बनता है, उसी तरह ये व्यायाम आपके गले और मुंह की मांसपेशियों को गठीला बनाएंगे जिससे आपकी खर्राटों की परेशानी दूर होगी.
3.अपनी उंगलियों को अपने गालों पर रखें और अपनी जीभ से फोर्स करें
एनएचएस सर्जन ने बताया कि अपनी उंगलियों को गालों के बाहर की ओर रखें और गालों के जरिए अपनी जीभ को उनके अपोजिट साइड धकेलें. थोड़े-थोड़े अंतराल पर ऐसा तीन से चार बार करें. आप जितना अधिक नियमित रूप से इसका अभ्यास करेंगे, आपकी खर्राटों की समस्या उतनी जल्दी दूर होगी.
4.अपनी जीभ को नीचे की ओर लाएं और पांच सेकंड के लिए होल्ड करें
इस एक्सरसाइज में आपको अपनी जीभ को नीचे की ओर लाना है और पांच सेकंड के लिए उसे वहीं रोके रखना है. यह एक्सरसाइज आपके गले के पीछे की मांसपेशियों को मजबूत करेगी.
खर्राटे हो सकते हैं खतरनाक
खर्राटे की समस्या बढ़ कर स्लीप एपनिया में बदल सकती है. स्लीप एपनिया की बीमारी जानलेवा हो सकती है. खर्राटा लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिस वजह से हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है. इसके अलावा भी व्यक्ति खर्राटे के कारण कई और गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकता है.
खर्राटों के कारण और उपचार
बहुत अधिक शराब पीने, ज्यादा वजन, स्मोकिंग करने, पीठ के बल सोने से भी खर्राटों की समस्या होती है. इसके अलावा स्लीप स्लीप एपनिया जैसी स्थिति भी खर्राटों का कारण है.
फेफड़ों में ऑक्सीजन कम जाने से भी खर्राटे आते हैं. लंबे समय तक इस परेशानी का इलाज ना होने पर मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम, डायबिटीज, हृद रोग हो सकता है.
खर्राटों के सामान्य उपचार में वजन घटाना, सोने की स्थिति बदलना, सीपीएपी मशीन (कॉन्स्टेंट प्रेशर एयर पंप ) का इस्तेमाल शामिल है. सीपीएपी मशीन फेफड़ों में जाने वाली हवा पर दबाव बनाती है. यह दबाव गहरी नींद के दौरान विंड-पाइप (श्वास नली) को गिरने से रोकता है और इससे व्यक्ति को सांस लेने में मदद मिलती है.
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