मलप्पुरम। एसएनडीपी योगम (SNDP Yogam) के महासचिव वेल्लापल्ली नटेसन (Vellappally Natesan) ने केरल (Kerala) के मुस्लिम बहुल जिले (Muslim majority district ) मलप्पुरम (Malappuram) को एक अलग देश बताकर विवाद खड़ा कर दिया। इस बयान पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) सहित कई समूहों की तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। हालांकि, नटेसन ने बाद में अपने बयान का बचाव किया और कहा कि आलोचकों ने उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। नटेसन ने मलप्पुरम को एक ऐसी जगह बताया जहां एक खास समुदाय का वर्चस्व है और वहां पिछड़े एझावा समुदाय के लिए सांस लेना भी मुश्किल है। उन्होंने यह भी कहा कि मलप्पुरम में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है और लोग डर के साये में जीते हैं।
वेल्लापल्ली नटेसन के बयान को सामुदायिक आधार पर भेदभावपूर्ण और भड़काऊ बताया जा रहा है। मलप्पुरम अपनी मुस्लिम बहुल आबादी के लिए जाना जाता है। मालूम हो कि नटेसन एझावा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। वह एसएनडीपी योगम के जरिए सामाजिक सुधारों की वकालत करते रहे हैं। हालांकि, पहले भी अपने विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में आ चुके हैं। इस बार उनके बयान को कई लोगों ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाला माना है। यह विवाद केरल की राजनीति में एक नया तनाव पैदा कर सकता है, जहां सामुदायिक संतुलन हमेशा संवेदनशील मुद्दा रहा है।
मलप्पुरम के लोगों का अपमान: IUML
आईयूएमएल ने नटेसन के बयान की कड़ी निंदा की और इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बताया। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह टिप्पणी न केवल मलप्पुरम के लोगों का अपमान करती है, बल्कि केरल की सांप्रदायिक सौहार्द की परंपरा को भी नुकसान पहुंचाती है। दूसरे राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी इसे गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। दूसरी ओर, नटेसन का दावा है कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उनका इरादा मलप्पुरम में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को उजागर करना था। उन्होंने आलोचकों पर राजनीतिक लाभ के लिए उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ने का आरोप लगाया।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved