नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में भले ही भाजपा (BJP) को अपेक्षित सफलता न मिली हो मगर वह राज्य लंबी लड़ाई की योजना बना रही है। इस योजना के तहत पार्टी में कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की जगह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) को राज्य का प्रभारी नियुक्त करने जा रही है।
इसके जरिए पार्टी की योजना राज्य के 2.3 करोड़ महिला वोटर को साधने के अलावा सीएम ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) के समक्ष एक कद्दावर महिला नेता को मैदान में उतारने की है। दरअसल विधानसभा में भाजपा (BJP) को उम्मीद के अनुसार सफलता न मिलने का एक अहम कारण महिला मतदाता रहीं, जिनका ममता बनर्जी पर विश्वास बना रहा।
तृणमूल कांग्रेस के मतों में बीते चुनाव के मुकाबले करीब पांच फीसदी बढ़ोत्तरी के पीछे महिला वर्ग का समर्थन और अल्पसंख्यकों का टीएमसी के पक्ष में एकजुट मतदान था। बड़ा महिला चेहरा न होने के कारण भाजपा महिला वर्ग में उम्मीदों के अनुरूप अपनी पैठ नहीं बना पाई।
अब पार्टी इस कमी को दूर करना चाहती है। पार्टी इसके लिए ईरानी को लंबा समय भी देना चाहती है। पार्टी के रणनीतिकारों का आकलन है कि बांग्ला भाषा पर बेहतर पकड़ और ऊंचे राजनीतिक कद के कारण स्मृति ममता के खिलाफ खासतौर से महिला वर्ग में माहौल तैयार कर पाएंगे। स्मृति की ताकत को पार्टी भांपने में चूक गई। इस कारण उनकी अधिक रैलियां नहीं करा पाई।
अगले विधानसभा चुनाव तक रहेंगी प्रभारी
पार्टी सूत्रों का कहना है कि स्मृति ईरानी को बतौर प्रभारी विजयवर्गीय की तरह लंबा समय मिलेगा। विजयवर्गीय ने पार्टी में एक ही राज्य का लगातार छह साल तक प्रभारी बन कर रिकार्ड बनाया था। अब स्मृति को अगले विधानसभा चुनाव तक बतौर प्रभारी बनाए रखा जाएगा।
प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही स्मृति हर महीने राज्य का दौरा करेंगी। इस दौरान महिलाओं को अपने पक्ष में करने की रणनीति तैयार करेंगी। गौरतलब है कि साल 2014 में अमेठी में राहुल से हारने के बाद स्मृति ने वहां लगातार पांच साल तक अभियान चला कर जीत हासिल की थी।नई दिल्ली।
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