इंदौर, राजेश ज्वेल। मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम अब पीथमपुर में विकसित होने वाली स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप के दोनों चरणों को एक साथ विकसित करेगा, क्योंकि तमाम कम्पनियों की लगातार मांग जमीन उपलब्ध कराने को लेकर आ रही है। पहले जहां ढाई हजार एकड़ का पहला चरण विकसित होना था, तो अब दोनों चरणों को मिलाकर लगभग साढ़े 4 हजार एकड़ पर यह टाउनशिप आएगी, जिसके विकास कार्यों पर भी लगभग एक हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। कल भोपाल में हुई महत्वपूर्ण बैठक में एमडी मनीष सिंह ने इस टाउनशिप को मंजूरी दी, जिस पर अब जल्द अमल शुरू होगा। वैसे भी कई बड़ी कम्पनियों को यहां जमीनें आबंटित भी कर दी गई हैं।
पीथमपुर सेक्टर-7 की स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में अब टोटल एरिया वैसे तो 2187 हेक्टेयर का हो गया है, जिसमें फॉरेस्ट की लगभग 390 हेक्टेयर जमीन शामिल है। उसे कम करने के बाद 1695 हेक्टेयर यानी लगभग साढ़े 4 हजार एकड़ नेट प्लानिंग एरिया मिलेगा, जिसमें 250 हेक्टेयर सरकारी जमीन शामिल है और अभी 86 हेक्टेयर से अधिक जमीन एमपीआईडीसी के पास ही है। जबकि 1446 हेक्टेयर जमीन निजी हैे, जिनका अधिग्रहण तय किए गए फार्मूले से किया जाएगा। कल भोपाल में हुई बैठक में एमपीआईडीसी के एमडी मनीष सिंह ने इस टाउनशिप की नई प्लानिंग का प्रजेंटेशन देखा।
इंदौर से क्षेत्रीय अधिकारी प्रतुल्ल सिन्हा भी इस मीटिंग में मौजूद रहे। एमडी मनीष सिंह के मुताबिक अब दोनों चरणों को एक साथ विकसित किया जाएगा, जिसमें आवासीय कॉलोनी के लिए भी पर्याप्त जमीन रखी गई है। लगभग 640 हेक्टेयर का क्षेत्रफल रेसीडेंसीयल झोन के रूप में रहेगा, तो 875 हेक्टेयर का इंडस्ट्रीयल झोन, तो लगभग 112 हेक्टेयर जमीनें प्रमुख सडक़ों के निर्माण में इस्तेमाल की जाएगी। वहीं 68 हेक्टेयर का जो क्षेत्र फॉरेस्ट लैंड सहित आ रहा है, उसे ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां पर जो रेसीडेंशियल एरिया विकसित किया जा रहा है उसमें भूखंडों का आकार 1000, 1200 और साढ़े 1300 स्क्वेयर फीट तक रहेगा।
लगभग एक हजार करोड़ रुपए की राशि इस स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप को विकसित करने पर खर्च की जाएगी, जहां पर अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया होंगी। सडक़, बिजली, पानी, ड्रैनेज से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, फायर ब्रिगेड, पुलिस चौकी सहित अन्य सुविधाओं के लिए भी पर्याप्त जमीनें सुरक्षित की गई है। यह भी उल्लेखनीय है कि पीथमपुर के सभी सेक्टरों में अब जमीन और भूखंड उपलब्ध नहीं है और इस सेक्टर-7 की अभी से जबरदस्त मांग भी है, जिसके चलते कई बड़ी कम्पनियों को जमीनों का आबंटन भी किया गया है।
500 एकड़ जमीन निजी कम्पनियों और फूट वियर क्लस्टर के लिए चिन्हित भी
लगभग साढ़े 4 हजार एकड़ में विकसित होने वाली स्मार्ट इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में लगभग 500 एकड़ जमीनें कुछ उद्योगों के साथ-साथ फूट वियर क्लस्टर के लिए भी सुरक्षित रखी गई है। जानी-मानी कम्पनी अवाडा को लगभग 100 एकड़ जमीन का आबंटन किया गया है, तो टीवीएस को लगभग 30 एकड़, एशियन पेंट्स को 150 एकड़ से अधिक, जेएसडब्ल्यू प्लांट को लगभग 65 एकड़, वहीं पिनेकल इंडस्ट्रीज को 24.38 हेक्टेयर, शक्ति प्लास्टिक को 16.28 हेक्टेयर और एमएसएमई सेक्टर के लिए जो फूट वियर क्लस्टर आ रहा है उसके लिए 33.88 हेक्टेयर जमीन रखी है।
निजी जमीन मालिकों के लिए 80-20 का रहेगा फार्मूला
1446 हेक्टेयर निजी जमीनें भी अधिग्रहित इस टाउनशिप के लिए की जा रही है, जिनके जमीन मालिकों को 80-20 फार्मूले के तहत मुआवजा और क्षतिपूर्ति दी जाएगी। यानी 20 फीसदी राशि जमीन मालिकों को नकद मिलेगी और 80 फीसदी उनकी जमीन के बदले विकसित भूखंड दिए जाएंगे। 20 फीसदी नकद राशि देने पर भी लगभग 700 करोड़ से अधिक खर्च होंगे।
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