- निगम अधिकारियों ने बताई मजबूरी..कहरा आवारा मवेशियों के रखरखाव की नहीं है व्यवस्था
उज्जैन। स्वच्छता अभियान हर बार पिछडऩे का एक प्रमुख कारण शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर खुले तौर पर विचरण करते हुए आवारा मवेशी हैं जिनके कारण से शहर के विभिन्न इलाकों में गोबर एवं कचरा फैला रहता है और शहर के कई मार्ग आवारा पशुओं की वजह से गंदगी और बदबू से सराबोर रहते हैं। इंदौर रोड की कॉलोनियां नानाखेड़ा क्षेत्र फ्रीगंज क्षेत्र मक्सी रोड, इंदौर गेट, दौलतगंज, निकास चौराहा, फाजलपुरा, अंकपात मार्ग, आगर रोड, पीपली नाका, गोपाल मंदिर, महाकाल क्षेत्र आदि शहर के कई क्षेत्रों में आवारा मवेशी एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। इन आवारा मवेशियों के द्वारा न सिर्फ गंदगी फैलती है बल्कि इनके कारण से कई हादसे भी होते हैं। बहुतायत में वर्षों के कारण दोपहिया दोपहिया वाहनों का एक्सीडेंट होता है एवं आवारा मवेशियों के द्वारा आम राहगीरों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है जिसके चलते साल भर में से सैकड़ों लोग इन आवारा मवेशियों के कारण से दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
वहीं स्वच्छता अभियान की बात की जाए तो शहर के मुख्य मार्गों पर सबसे ज्यादा इन्हीं आवारा मवेशियों द्वारा गंदगी फैलाई जाती है और जिसके चलते स्वच्छता अभियान के सर्वेक्षण में शहर के कई मुख्य मार्ग गंदगी से सराबोर दिखते हैं और हर बार शहर स्वच्छता अभियान में पिछड़ जाता है। निगम अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम के पास इन आवारा मवेशियों को रखने का पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं है। आवारा मवेशियों को पकडऩे के बाद उनके रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जाना होती है, जैसे आवारा पशुओं को पकडऩे के बाद एक बड़े बाड़े में रखना होता है और उनके खानपान की व्यवस्था भी करना होती है। इस प्रकार की व्यवस्था निगम के पास अभी उपलब्ध नहीं है और इनके रखरखाव के लिए बजट भी नहीं है। दूसरा आवारा पशुओं को पकडऩे के बाद पशुपालक राजनीतिक हस्तक्षेप के माध्यम से पशुओं को छुड़ा लेते हैं और कुछ दिन बाद फिर इन पशुओं को पुन: शहर में छोड़ देते हैं। बहरहाल नगर निगम जिम्मेदार अधिकारियों को शहर में आवारा मवेशियों इस बड़ी समस्या के स्थाई निदान के बारे में मंथन करना होगा अन्यथा उज्जैन शहर ना तो कभी स्मार्ट बन पाएगा और ना ही कभी स्वच्छता अभियान के उच्चतम पायदान को छू पाएगा।