इंदौर (Indore)। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने अप्रैल-24 तक स्मार्ट सिटी मिशन को खत्म करने का मन बना लिया है। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लि. का कार्यकाल अप्रैल-23 में खत्म होना था, लेकिन इसे एक साल का जीवनदान मिल गया है। तब तक ये बचे काम पूरे कर सकेंगे और नए प्रोजेक्ट लाकर उन पर काम शुरू कर सकेंगे। इधर, इंदौर स्मार्ट सिटी कंपनी के पास केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दिया गया फंड भी खत्म हो चुका है और फिलहाल वह अपने दूसरे आय स्रोतों से काम चला रही है।
स्मार्ट सिटी कंपनी के शुरुआती कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने इंदौर को 1000 करोड़ रुपए दिए थे। कंपनी अफसरों के अनुसार यह राशि पूरी तरह उपयोग की जा चुकी है। अब कंपनी विज्ञापन बोर्ड, दुकानों के विक्रय और प्रीमियम आदि जुटाकर अपना दैनंदिनी खर्च निकाल रही है। हाल ही में एमओजी लाइंस के दो प्लॉट बेचने का फैसला भी लिया गया है, जिससे कंपनी को 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि मिलेगी। इससे पहले से जारी कार्य किए जाएंगे औऱ शहर में 40 से ज्यादा उमंग वाटिकाएं बनाने का काम होगा। करीब 25 करोड़ रुपए के अहिल्या लोक प्रोजेक्ट को पहले ही मेयर-इन-काउंसिल (एमआईसी) होल्ड पर रख चुकी है।
कंसल्टेंसी की तरफ कदम बढ़ाएगी कंपनी
स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दी गई लगभग 100 प्रतिशत राशि यूटिलाइज की जा चुकी है। 1000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त जो भी 50-60 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं, उनकी व्यवस्था कंपनी दूसरे स्रोतों से कर रही है। इंदौर और भोपाल के सभी स्वीकृत प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने कंपनियों का कार्यकाल अप्रैल-24 तक बढ़ा दिया है। कंपनी ने इंदौर में कई जटिल प्रोजेक्ट पर काम किए हैं। यही वजह है कि कंपनी दूसरे शहरों, राज्यों और सरकारी विभागों को कंसल्टेंसी देने की तरफ कदम बढ़ा रही है। आने वाले महीनों में इसके परिणाम देखने को मिलेंगे।
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