नई दिल्ली। विदेशी ऑनलाइन कंपनियों (Foreign online companies) से दो-दो हाथ करने के लिए अब देश के छोटे दुकानदार (Small Shopkeeper) भी तैयार हैं. छोटे दुकानदारों के संगठन (CAIT) ने एक ऐसा मोबाइल ऐप (Mobile app) शुरू किया है जिससे हर दुकानदार पूरी तरह से जल्द शुरू होने वाले देसी ई-मार्केट (E-market) पर मुफ्त में ई-दुकान खोल सकेगा (e-shop for free).
कन्फेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders – CAIT) अपना खुद का ई-कॉमर्स पोर्टल (E-commerce portal) ‘भारत ई-मार्केट’ (Bharat e-market) खोलने जा रही है. जल्द ही यह पोर्टल पूरी तरह से काम करने लगेगा. इस पोर्टल का मकसद देश के सभी छोटे और गली-मोहल्ले के दुकानदारों को ऑनलाइन बाजार में लाने की है. इसके पहले चरण में वेंडरों और सर्विस प्रोवाइडरों (Service providers) को पोर्टल पर ऑनबोर्ड लाने के लिए ही उसने ये मोबाइल ऐप शुरू की है.
कैट हमेशा से फ्लिपकार्ट और एमेजॉन (Flipkart and Amazon) जैसी बड़ी ऑनलाइन कंपनियों की मुखर विरोधी रही है. छोटे व्यापारियों के हित में काम करने वाली संस्था CAIT इन कंपनियों के FDI नियमों के उल्लंघन और ट्रेडर्स के साथ भेदभाव करने की नीतियों के खिलाफ लगातार बोलती आई है और सरकार पर इसे लेकर दबाव भी बनाती रही है.
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल (CAIT, General Secretary Praveen Khandelwal) ने कहा कि ‘भारत ई-मार्केट’ पूरी तरह से देश के नियम-कायदों का पालन करने वाला पोर्टल होगा. जिस तरह से विदेशी ऑनलाइन कंपनियां देश के नियम-कानूनों को धता बता रही हैं उनसे निपटने के लिए इस तरह देश के व्यापारियों और ग्राहकों के लिए प्रतिबद्ध ऑनलाइन बाजार बनाना अनिवार्य हो गया था.
खबरों के मुताबिक कैट की योजना इस साल दिसंबर के अंत तक भारत ई-मार्केट पर 7 लाख ट्रेडर्स को लाने और दिसंबर 2023 तक एक करोड़ से अधिक ट्रेडर्स को लाने की है. देशभर के 40,000 से ज्यादा व्यापारी संगठन कैट से संबद्ध हैं और देशभर के दुकानदारों की ई-दुकान खुलवाने में वे अहम भूमिका निभाएंगे.
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत ई-मार्केट पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले दुकानदारों से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. इस तरह हर छोटा दुकानदार मुफ्त में अपनी ई-दुकान बना सकेगा. अभी विदेशी कंपनियां 5% से 35% तक का कमीशन लेती हैं. इससे ग्राहकों को सस्ता सामान मिल सकेगा और व्यापारियों की आय बढ़ सकेगी.
कैट ने कहा कि पोर्टल पर चीनी सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही दस्तकारों, महिला उद्यमियों और शिल्पियों का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इस पोर्टल का सारा डेटा देश में ही रखा जाएगा.
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