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ये छोटा सा द्वीप समूह बनने जा रहा दुनिया का अगला देश, अमेरिका को पेश कर सकता है ये शानदार ऑफर

  • April 20, 2025

    नई दिल्‍ली । प्रशांत महासागर में एक छोटा सा द्वीपसमूह (Islands) जल्द ही दुनिया का सबसे नया देश बन सकता है। ऐसा होते ही यह प्रमुख भू-राजनीतिक हलचल का केंद्र भी होगा। ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पास स्थित इस द्वीप समूह के लोगों ने साल 2019 में स्वतंत्रता के लिए भारी मतदान किया था, लेकिन इसकी आजादी का रास्ता आसान नहीं है। कई राजनीतिक आर्थिक बाधाएं अभी भी इसका रास्ता रोक रही हैं। वर्तमान में पापुआ न्यू गिनी का हिस्सा बोगेनविले द्वीप (bougainville island) एक संभावित तांबे की खदान का घर है, लेकिन जो चीज क्षेत्रीय शक्तियों की रुचि इसमें जगाती है, वह प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थान पर इसकी मौजूदगी है।

    हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि आजादी के पक्ष में ऐतिहासिक मतदान के बावजूद पापुआ न्यू गिनी इसे छोड़ने को तैयार नहीं है। ब्रिटिश अखबार द सन ने पापुआ न्यू गिनी में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व उच्चायुक्त इयान केमिश के हवाले से बताया है कि ‘साधारण तथ्य यह है कि राष्ट्रीय संसद बोगेनविले को जाते हुए देखना बिल्कुल नहीं चाहती है।’

    लंबे गृहयुद्ध का रहा है शिकार
    उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्ष टकराव से बचते रहे हैं, लेकिन इसमें अभी भी बहुत तनाव है। 20वीं सदी के अंत में इस द्वीप पर अपनी स्थिति को लेकर लंबा युद्ध चला था। हालांकि, बोगेनविले के लोग 2027 तक द्वीपों की पूरी आजादी चाहते हैं। इसे पापुआ न्यू गिनी की संसद से अनुमोदन हासिल करना होगा, जो एक कठिन प्रक्रिया साबित हो रही है।

    बोगोनविले में आजादी की भावना कितनी तेज है, इसे पूर्व विद्रोही लड़ाके और इस क्षेत्र के राष्ट्रपति इश्माइल तोरोमा के इस कथन से समझा जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि सवाल यह नहीं है कि क्या बोगेनविले को स्वतंत्रता मिलेगी और बल्कि कब होगी। उन्होंने इस साल कहा, ‘बोगेनविले स्वतंत्रता के पक्ष में है। यह केवल समय की बात है।’


    सबसे छोटी आबादी वाले देशों में होगा नाम
    लगभग 3 लाख की आबादी वाला बोगेनविले एक देश बनने के बाद दुनिया की सबसे छोटी आबादी में से एक होगा। हालांकि, एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था को चलाना स्वतंत्र बोगेनविले के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक होगा। बोगेनविले में मौजूद तांबे के भंडार का मूल्य अरबों डॉलर होने का अनुमान है। इतना ही नहीं, द्वीप की रणनीतिक स्थिति इसे अमेरिकी सैन्य अड्डे के लिए आदर्श स्थान बना सकती है।

    अमेरिका की लग सकती है लॉटरी
    खासतौर पर जब वॉशिंगटन चीन का विस्तार रोकना चाहता है। ऐसे में बोगेनविल अमेरिका को एक शानदार ऑफर पेश कर सकता है। हालांकि, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त केमिश को संदेह है कि ट्रंप प्रशासन इस क्षेत्र में कोई दिलचस्पी दिखाएगा। उन्होंने द सन से कहा, मुझे वास्तव में विश्वास नहीं है कि यह बहुत दिलचस्प होने वाला है। लेकिन यह एक व्यापक बिंदु है। भू-राजनीतिक नजरिए से स्वतंत्र बोगेनविले अमेरिका या चीन के लिए उपयोगी हो सकता है।

    क्या है भौगोलिक स्थिति?
    प्रशांत महासागर में स्थित यह क्षेत्र कई द्वीपों से बना है, जिनमें सबसे बड़ा बोगेनविले द्वीप ही है। 9417 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का यह द्वीप अगर आजाद होता है तो दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक होगा। पापुआ न्यू गिनी साल 1975 में ऑस्ट्रेलिया से स्वतंत्र हो गया, जिसके एक साल बाद बोगेनविले देश का एक स्वायत्त क्षेत्र बन गया। लंबे गृहयुद्ध के बाद 2001 में एक शांति समझौते के हिस्से के रूप में बोगेनविले को स्वतंत्रता के लिए जनमत संग्रह का वादा किया गया। इसने खूनी गृहयुद्ध को समाप्त कर दिया।

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