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    छोटे किसानों को भी मिलेगी Cold storage पर Subsidy

  • September 10, 2021

    भोपाल। किसान खेतों में फसल बोता है और कटने तक उसके परिवार के शेष सदस्य उसकी रखवाली में लगे रहते हैं। अगर फसल की सुरक्षा के लिए किसान को कोई और विकल्प मिल जाए तो वह अन्य विकल्पों से अपनी आय को बढ़ाने के बारे में सोच सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर मप्र सरकार जल्द ही छोटे किसानों को खेतों में तार फेंसिंग (बाड़) लगाने के लिए बैंक से लोन दिलाने की तैयारी कर रही है। यही नहीं छोटे किसानों को फूड प्रोसेसिंग यूनिट (Food Processing Unit) और कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) शुरू करने में मदद करने का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है।



    प्रदेश के खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह (Bharat Singh Kushwaha) का कहना है कि वर्तमान में कोल्ड स्टोरेज पर मिलने वाली सब्सिडी सिर्फ 60 बड़े व्यापारियों को मिल पाती है। विभाग ने मुख्यमंत्री को दिए प्रस्ताव में सुझाव दिया है कि इसका लाभ छोटे किसान व व्यापारियों को दिया जा सकता है। ऐसे किसान पांच से आठ टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज तैयार करें, सरकार इसमें उनकी मदद करेगी। किसानों को आय दोगुना करने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट (Food Processing Unit) लगाने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव इसमें शामिल किया गया है।

    ऐसे कर सकते हैं आय दोगुनी
    तार फेंसिंग से लेकर फूड प्रोसेसिंग और कोल्ड स्टोरेज जब किसान के पास होगा तो उसके परिवार के सभी सदस्यों को अलग-अलग काम करने को मिलेगा। जिससे उनकी खेती लाभ का धंधा बनेगी। सभी सदस्यों के पास स्वरोजगार होगा। यह तीनों ही कार्य राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में शामिल कर दिए गए हैं। जिसका लाभ हर किसान ले सकेगा। किसान प्रति हेक्टेयर 3 लाख 81 हजार रुपए का लोन ले सकेगा। जिसका 50 फीसदी अनुदान मध्यप्रदेश सरकार देगी। किसान आसान किस्तों में बैंक को 1 लाख 90 हजार 500 रुपए वापस करेगा। जिससे खेत में खड़ी फसल को बेसहारा जानवरों से बचाया जा सके। किसान अपने खेत में फल, सब्जी, अनाज जो भी पैदा करता है उसे सीधे बाजार में बेचने की अपेक्षा उसका प्रोडक्ट तैयार कर खुद बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकता है। इसके लिए शासन ने फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए किसान को 25 से 35 फीसदी अनुदान देने की पहल की है। किसान अपनी आवश्यकता अनुसार दो लाख से लेकर एक करोड़ तक की यूनिट लगा सकता है।

    कोल्ड स्टोरेज बनवाएं, सब्जी सडऩे से बचाएं
    कच्ची खेती करने वाले वे किसान जो अपने खेत में फल, सब्जी उगा रहे हैं। ऐसे किसान जब अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचते हैं तो उन्हें सही दाम नहीं मिल पाते और मंडी व्यापारी कम दाम पर फसल खरीद लेते हैं। किसान इस डर से फसल बेच देता कि वह घर वापस ले जाएगा तो खराब हो जाएगी, क्योंकि उसके पास सुरक्षित रखने के लिए न तो स्थान होता है न किराए के कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए पैसा। ऐसे किसानों की समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने कोल्ड स्टोरेज तैयार कराने की दिशा में कदम उठाया है। अब किसान अपने खेत पर पांच टन से लेकर आठ टन तक का कोल्ड स्टोरेज तैयार कर सकता है। जिसके लिए वह बैंक से लोन ले सकता है और लोन में प्रदेश सरकार 25 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से अनुदान देगी, जो अधिकतम ढाई लाख रुपये हो सकती है।

    इनका कहना है
    प्रधानमंत्री का सपना है कि किसान की आय दोगुनी हो, इसी दिशा में कदम उठाया गया है। अब किसान खेत पर तार फेंसिंग कराए या फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाए अथवा कोल्ड स्टोरेज बनवाए। इन सभी के लिए बैंक से लोन मिलेगा, जिसे चुकाने में प्रदेश सरकार साथ देगी। जिससे किसान अपनी पैदावार का सही दाम ले और आय दोगुना करें।
    भारत सिंह कुशवाह, खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार)

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