- एक साल में प्रदेश में 174 नाबालिगों की सड़क दुर्घटनाओं में जा चुकी है जान-यातायात अमले के पास उज्जैन का रिकार्ड नहीं
उज्जैन। लाड़ प्यार में माता-पिता नाबालिग बच्चों के हाथों में भी दो और चार पहिया वाहन थमा रहे हैं। हाल ही में हुए सर्वे में इसके गंभीर परिणाम सामने आए हैं। पिछले एक साल में पूरे प्रदेश में 17 वर्ष से कम आयु के 174 लड़का-लड़कियों की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई है। यह आंकड़ा प्रदेश के 58 ट्रेफिक थानों का है। उज्जैन ट्रेफिक थाने में ऐसी घटनाओं का रिकार्ड अपडेट नहीं है।
प्रदेश में हाल ही में हुए सड़क दुर्घटनाओं के सर्वे में चौंकाने वाली बात सामने आई है। इनमें प्रदेश के 58 ट्रेफिक थाना क्षेत्रों में पिछले एक साल में 18 वर्ष से कम आयु के बगैर लायसेंस के वाहन चला रहे नाबालिग लड़का-लड़कियों में से 174 की जान सड़क दुर्घटना में चली गई है। जानकारों का कहना है कि यह परिजनों के बच्चों के प्रति पेे्रम और लापरवाही का नतीजा है। पालक जानते हुए भी कि उनका बच्चा अभी बालिग नहीं हुआ है और उसकी आयु 18 वर्ष से कम है, फिर भी उन्हें दो पहिया और चार पहिया वाहनों की चाबियाँ थमा देते हैं। उज्जैन शहर की सड़कों पर भी 18 वर्ष से कम आयु के लड़का और लड़की तेज गति से दो पहिया वाहन दौड़ाते देखे जा सकते हैं। सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल में जहाँ पूरे प्रदेश में 174 नाबालिगों की जान वाहन चलाते वक्त हुई दुर्घटना में गई है वहीं 829 बच्चे गंभीर घायल भी हुए हैं। इनमें 914 लड़के तथा 105 लड़कियाँ शामिल हैं। इधर उज्जैन यातायात थाने से 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के सड़क दुर्घटनाओं में मरने या घायल होने संबंधी जानकारी मांगी गई तो इस तरह के आंकड़े अपडेट नहीं बताए गए। भोपाल स्थित पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के एडीजी जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए उज्जैन सहित प्रदेश के सभी एसपी कार्यालयों को पत्र लिखने जा रहे हैं, इसमें हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए नाबालिगों को बगैर लायसेंस के वाहन चलाते पाए जाने पर उचित वैधानिक कार्रवाई के लिए जुवेनाईल अधिकारी की तैनाती सभी ट्रेफिक थानों पर करने के निर्देश दिए जाएंगे। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नियुक्त होने वाले जुवेनाईल अधिकारी एसआई या उच्च स्तर के अधिकारी बनाए जाएंगे, जो इस तरह के मामलों में निर्णय ले सकेंगे।