नई दिल्ली। डाक घर निर्यात केंद्रों से देश का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे छोटे कारोबारियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। डाक विभाग में सचिव विनीत पांडेय ने सोमवार को कहा कि अपने कम लागत ढांचे एवं सुगम प्रक्रिया की वजह से डाक घर छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए उपयुक्त हैं।
भारतीय डाक अमृतपेक्स-2023 की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पांडेय ने कहा कि विभाग एक व्यापक योजना बना रहा है। इसका मकसद डाक घर के नेटवर्क को ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP), छोटे कारोबारियों और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए उपयोगी बनाना है। सूक्ष्म, लुघ एवं मध्यम उद्यमों का देश की जीडीपी में 8 फीसदी योगदान है। कुल विनिर्माण में इसकी 45 फीसदी और देश के निर्यात में 40 फीसदी हिस्सेदारी है। देश का निर्यात अप्रैल-दिसंबर, 2022 में 9 फीसदी बढ़कर 332.76 अरब डॉलर पहुंच गया।
जीआई उत्पादों पर 12 डाक टिकटों का अनावरण
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने कार्यक्रम में कहा कि सरकार भौगोलिक संकेतक (GI) वाले उत्पादों को बढ़ावा दे रही है। इस दौरान डीपीआईआईटी सचिव ने जीआई उत्पादों पर 12 डाक टिकटों का अनावरण भी किया।
इमारतों की सामग्री पर भी क्वालिटी कंट्रोल की योजना
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग इमारत की निर्माण सामग्री को गुणवत्ता नियंत्रण मानदंडों के तहत लाने पर विचार कर रहा है। इसका उद्देश्य घटिया सामान को खत्म करने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देना है। इस संबंध में विभाग ने कंक्रीट, एस्बेस्टस, जिप्सम, सीमेंट, टाइल्स और सिरेमिक-आधारित सामग्री आदि के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) के मसौदे पर उद्योग से 20 फरवरी तक सलाह मांगी है।
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