नई दिल्ली। दिल्ली में रेलवे ट्रैक के आसपास बसी झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली सरकार एवं नगर निगम पर निशाना साधा है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा कि झुग्गी-झोपड़ी कलस्टरों में रह रहे लोगों की बर्बादी के लिए प्रदेश की अरविंद केजरीवाल सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) जिम्मेदार हैं। दोनों सरकारों ने अपने शासन काल के वर्षों में इन लोगों के पुनर्वास के लिए कुछ नहीं किया, जबकि दोनों पार्टियों ने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में गरीब लोगों को ‘जहां झुग्गी-वहीं मकान’ देने का वायदा किया था।
कुमार ने कहा कि रेलवे पटरियों के नजदीक बसे सभी झुग्गी-झोपड़ी कलस्टरों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दिल्ली में लगभग 10 लाख से अधिक गरीब बेघर हो जाऐंगे, जो पहले से ही कोरोना महामारी का संकट से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दायर करेगी, क्योंकि यह दिल्ली के लाखों गरीब लोगों के जीवन का सवाल है।
अनिल कुमार ने कहा कि 2010 में कांग्रेस सरकार ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) का गठन किया था, जिसका उदेश्य धारा-10 और 12 के तहत जेजे समूहों के निवासियों को सुरक्षित आवास प्रदान करना था। इस योजना के तहत डीएसआईडीसी ने 41,000 फ्लैट्स और डीयूएसआईबी ने 18,324, डीडीए ने 4740 और एनडीएमसी ने 240 फ्लैट्स का निर्माण किया था। परंतु केजरीवाल और भाजपा दोनों सरकारों ने जे.जे. क्लस्टर्स के पुनर्वास के लिए बिना कुछ दिए उन्हें मात्र वोट बैंक के रूप में ही माना। कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार पिछले 7 वर्षों से सत्ता में हैं, लेकिन यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि उन्होंने जेजे कलस्टरों के पुनर्वास के लिए कोई योजना बनाना उचित ही नहीं समझा। (एजेंसी, हि.स.)
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