बचपन से लेकर अब तक हम यह सुनते आ रहे है कि जल्दी सोना और जल्दी जागना मनुष्य को स्वस्थ धनवान और बुद्धिमान बनाता है। ये जल्दी सोने और जल्दी जागने के लिए बच्चों को प्रेरित करने का एक फॉर्मूला बन गया था। जिस पर हमारे माता-पिता ही नहीं डॉक्टर्स भी अमल करने को बोलते रहे हैं, लेकिन मेडिकल जर्नल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि रात दस बजे से पहले सोना स्वास्थ के लिए खतरनाक है।
इस अध्ययन के अनुसार, रात दस बजे से पहले सोने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बहुत अधिक होता है। जो मृत्यु को आमंत्रित करता है। देर से सोने से भी मेटबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियां और जीवन शैली संबंधी विकार होने का खतरा रहता है।
रात 10 बजे से पहले सोने की आदत से हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा तकरीबन 9 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने स्लीप मेडिसिन में लिखा है कि 21 से ज्यादा देशों में रात 10 बजे से पहले मरने वाले 5,633 लोगों की मौत की जांच करवाने पर ये सामने आया कि इनमें से 4,346 मौतों की वजह हार्ट अटैक और स्ट्रोक थी।
समय पर सोना बहुत जरूरी : डॉक्टर वी. मोहन, जो इस स्टडी का हिस्सा रहे हैं ने बताया कि स्टडी के दौरान हमने सोने और घटनाओं के जोखिम के बीच यू शेप का तालमेल देखा। हमने पाया कि जिन लोगों के सोने का समय रात 10 बजे से मध्य रात्रि के बीच का था, उनके लिए हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी कम था। साथ ही ये खतरा उन लोगों के लिए भी कम ही था, जो लोग रात 9 बजे से रात 1 बजे के बीच सोते हैं, लेकिन ग्राफ में ये बात भी सामने आई कि मृत्यु को आमंत्रित करने वाले हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा उन लोगों को है, जो शाम को, या शाम 7 बजे से पहले सोते हैं।
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