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एसिडिटी और गैस्ट्रिक समस्या से हो रही स्लीपडिस्क

August 22, 2022

  • शहर में सर्जन्स की कमी, नई तकनीक से 10 एमएम का होल कर कररहे डॉक्टर सर्जरी

इंदौर। एसिडिटी, गैस्ट्रिक, अपच जैसी आमतौर पर बड़ी ही सामान्य समझी जाने वाली परेशानी किसी को जीवनभर का कमर दर्द दे सकती है। लॉकडाउन के बाद इस समस्या के पेशेंट बढ़ गए हैं, लेकिन उसकी तुलना में शहर में सर्जन उपलब्ध नहीं हैं।
10 एमएम का छेद करके रीढ़ की हड्डी में होने वाली समस्याओं का इलाज अब आसानी से हो रहा है । हालांकि शहर में इस तकनीक से इलाज करने वाले विशेषज्ञों की कमी है, लेकिन डॉक्टर 10 सेंटीमीटर तक के चीरे को लगाकर की जाने वाली सर्जरी की बजाए अब 10 मिलीमीटर के छोटे से छेद से ही दबी हुई नसों को खोलने, स्लीपडिस्क जैसी परेशानियों से निजात दिला रहे हैं। कल शहर में पूरे देश से जुड़े डॉक्टरों का जमावड़ा हुआ। नई टेक्नीक को 8 लाइव सर्जरी के माध्यम से सिखाया गया। शहर के मेडिकल कॉलेजों से पासआउट सैकड़ों छात्र भी इस टेक्नीक को सीखने पहुंचे। इंदौर स्पाइनल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी वर्कशॉप में डाक्टरों के अनुसार सर्जरी के बाद मरीज दूसरे दिन ही चल फिर सकता है। इस तकनीक द्वारा ज्यादा ब्लडलोस नहीं होता।


कॉलेजो में नही होती अपडेट टेक्निक की पढ़ाई
डॉ. प्रसाद पाटगांवकर ने बताया कि वर्कशॉप में पहली बार एंडो फ्यूजन प्रोसीजर का प्रयोग किया गया।इसमें ओपन सर्जरी के बजाय छोटे चीरे लगाकर स्क्रू डाले गए और दूरबीन की मदद से हड्डियो के बीच में सहारा देने के लिए कैज लगाया गया है।इस तकनीक से मरीज दूसरे दिन ही चलफिर सकता है। इस तरह तकनीक का इस्तेमाल अब तक बहुत कम मात्रा में ही किया जा रहा है। जिसकी मुख्य वजह सामने आ रही है कि मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को नई तकनीकों की पढ़ाई नहीं कराई जाती जिसकी बजह से मरीजों को लाभ नही मिल पा रहा है। शहर की सर्जन भी नई तकनीक से ऑपरेशन करने में कतराते हैं हालांकि दूरबीन पद्धति से हुए ऑपरेशन में भी खर्च इतना ही आता है लेकिन मरीज को मिल रहे जल्दी और सटीक इलाज के साथ तकलीफ कम होती है।

30 फीसदी खर्च में हुई मरीजों की सर्जरी
दो दिन चलने वाली वर्कशॉप के दौरान कुल 7 से 8 सर्जरी की गई। आमतौर पर एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी का खर्च लगभग 1.50 लाख रुपए तक आता है, लेकिन वर्कशॉप में होने वाली सभी सर्जरी का खर्च सिर्फ 50 हजार रुपए तक ही आया। सेंट्रल इंडिया में अपनी तरह की इस पहली वर्कशॉप में देशभर से 100 से ज्यादा आर्थोपेडिक स्पाइन सर्जन, न्यूरो सर्जन, पैन फिजिशियन शामिल हुए। इनमें जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु से डॉक्टर्स नई तकनीक सीखने और सिखाने इंदौर आए।

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